वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पुलिस और वकीलों के बीच का झगड़ा अब और गहरा गया है। शनिवार को कचहरी में शुरू हुआ विवाद सड़कों तक पहुंच गया। करीब 700 वकील सड़कों पर उतर आए और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस कमिश्नर और डीएम के आवास का घेराव करना पड़ा। इस दौरान वकीलों ने अफसरों को खुली चुनौती दी। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस कमिश्नर ऑफिस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा। इस पूरे हंगामे के केंद्र में हैं वरुणा जोन की एडीसीपी नीतू कादयान।
वकीलों की मांग: नीतू कादयान के खिलाफ कार्रवाई
वकीलों ने साफ तौर पर मांग की है कि वरुणा जोन की एडीसीपी नीतू कादयान, एसीपी क्राइम विदुष सक्सेना, एसीपी कैंट नितिन तनेजा, कैंट थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्र और करीब 100 अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो। इस मामले की सुनवाई सीजेएम कोर्ट में हुई, लेकिन उससे पहले विवाद ने खूब तूल पकड़ा। वकीलों का आरोप है कि नीतू कादयान ने उनके खिलाफ हमला करवाया, जिसके बाद वे एकजुट होकर सड़कों पर उतरे।
नीतू कादयान: चर्चा में आईं IPS अधिकारी
इस विवाद ने नीतू कादयान को सुर्खियों में ला दिया है। वकील जहां उन पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, वहीं पुलिसकर्मी उनके समर्थन में खड़े हैं। कई पुलिसकर्मियों ने नीतू को ‘अभिभावक’ तक बता दिया। लेकिन आखिर नीतू कादयान हैं कौन? नीतू 2020 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। उनकी पहली तैनाती 2023 में वाराणसी में एसीपी चेतगंज के रूप में हुई थी। इसके बाद 2024 में उन्हें वरुणा जोन का एडीसीपी बनाया गया, जहां वे अभी भी कार्यरत हैं।
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