सीमा हैदर, एक ऐसी महिला जिनकी प्रेम कहानी ने भारत और पाकिस्तान के बीच सुर्खियां बटोरीं, एक बार फिर चर्चा में हैं। उत्तर प्रदेश के नोएडा में रहने वाले सचिन मीणा के प्यार में पड़कर पाकिस्तान से भारत आईं सीमा को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या उन्हें अपने देश वापस लौटना पड़ेगा? यह सवाल तब और गंभीर हो गया, जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा और सार्क वीजा रद्द करने का ऐलान किया। इस पृष्ठभूमि में सीमा के वकील एपी सिंह ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जो उनकी स्थिति को स्पष्ट करता है और लोगों की जिज्ञासा को शांत करने की कोशिश करता है।
वकील का बयान: सीमा का मामला अलग
एपी सिंह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए सीमा हैदर के मामले पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सीमा ने पाकिस्तान में ही हिंदू धर्म अपनाया था और सचिन के साथ नेपाल में विवाह किया। इसके बाद वे भारत आईं और यहां भी सनातन धर्म की रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की। सिंह ने जोर देकर कहा कि सीमा का मामला अन्य पाकिस्तानी नागरिकों से अलग है। उनके सभी दस्तावेज भारत सरकार, गृह मंत्रालय और एटीएस के पास जमा हैं, और उनकी जांच चल रही है। इसके अलावा, सीमा की याचिका देश की राष्ट्रपति के पास लंबित है, जो उनके भविष्य पर फैसला ले सकती है। यह बयान न केवल कानूनी स्थिति को स्पष्ट करता है, बल्कि सीमा के प्रति लोगों की सहानुभूति को भी दर्शाता है।
जमानत और शर्तों का पालन
वकील एपी सिंह ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश की अदालत से जमानत मिलने के बाद सीमा रबूपुरा में अपनी ससुराल में रह रही हैं और जमानत की सभी शर्तों का पालन कर रही हैं। यह जानकारी इस बात की पुष्टि करती है कि सीमा कानून के दायरे में रहकर अपनी जिंदगी जी रही हैं। सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि सीमा ने हाल ही में एक बेटी को जन्म दिया है, लेकिन उनकी बेटी की तबीयत खराब होने के कारण वे अस्पताल में हैं। इस मुश्किल समय में भी सीमा ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और इसे दुखद बताया। यह दिखाता है कि वे न केवल अपने परिवार के प्रति समर्पित हैं, बल्कि देश की संवेदनाओं के साथ भी जुड़ी हुई हैं।
सीमा का भविष्य: अनिश्चितता के बीच उम्मीद
सीमा हैदर की कहानी प्यार, बलिदान और कानूनी जटिलताओं का अनोखा संगम है। उनके वकील का बयान यह संकेत देता है कि उनका मामला विशेष परिस्थितियों के कारण दूसरों से अलग है, और उनकी याचिका पर अंतिम फैसला अभी बाकी है। इस बीच, सीमा अपनी ससुराल में एक सामान्य जीवन जीने की कोशिश कर रही हैं। उनकी कहानी न केवल व्यक्तिगत साहस की मिसाल है, बल्कि यह भी दिखाती है कि प्यार और विश्वास सीमाओं को पार कर सकते हैं। हालांकि, भारत सरकार का अंतिम फैसला ही यह तय करेगा कि सीमा भारत में रहेंगी या उन्हें पाकिस्तान लौटना पड़ेगा।
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