मुंबई (अनिल बेदाग): इस दिवाली कुछ खास करने की सोच रहे हैं? श्री पृथ्वीराज शेट्टी की पहल भगवद गीता फॉर ऑल (बीजीएफए) ने अपना पहला त्योहार-विशेष अभियान शुरू किया है, और इसमें बॉलीवुड की फिटनेस क्वीन शिल्पा शेट्टी और उनकी बहन शमिता शेट्टी भी शामिल हैं। यह अभियान न सिर्फ दिलचस्प है, बल्कि आपके जीवन को नई रोशनी देने का वादा करता है!
आंतरिक शांति का अनमोल तोहफा“आंतरिक प्रकाश का उपहार” थीम के साथ शुरू हुआ यह अभियान दिवाली के मौके पर लॉन्च किया गया है। जैसे दीपावली में दीये घर को रोशन करते हैं, वैसे ही गीता का ज्ञान आपके मन, परिवार और रिश्तों को शांति, संतुलन और ताकत से भर सकता है। बीजीएफए ने गीता की शिक्षाओं को सरल भाषा, इंटरैक्टिव प्रेजेंटेशन और आसान मार्गदर्शन के जरिए आज के परिवारों के लिए उपयोगी बनाया है। यह अभियान बताता है कि गीता सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि मानसिक सुकून और आत्मबल का खजाना है।
शिल्पा शेट्टी: परंपरा और आधुनिकता का संगमश्री पृथ्वीराज शेट्टी का कहना है कि शिल्पा शेट्टी की योग और स्वस्थ जीवनशैली के प्रति समर्पण उन्हें इस अभियान का सही चेहरा बनाता है। उन्होंने कहा, “शिल्पा परंपरा और आधुनिकता का शानदार मेल हैं। उनकी जिंदगी में स्वास्थ्य और संतुलन की जो यात्रा है, वह बीजीएफए के मिशन को दर्शाती है। हम गीता के शाश्वत ज्ञान को आज के परिवारों तक ले जाना चाहते हैं।”
शिल्पा का संदेश: गीता है जीवन का गाइडशिल्पा शेट्टी ने इस अभियान को लेकर अपनी उत्साह भरी बातें साझा कीं। उन्होंने कहा, “योग हमें अपने भीतर से जोड़ता है, और गीता इस जुड़ाव को और गहरा करती है। यह कोई साधारण किताब नहीं, बल्कि जिंदगी को बेहतर बनाने का रास्ता है। इस दिवाली, अपने प्रियजनों को गीता का तोहफा देना मेरे लिए सबसे कीमती उपहार है। यह रोशनी, सद्भाव और आंतरिक ताकत का प्रतीक है।”
शमिता शेट्टी: गीता अब युवाओं की दोस्तशमिता शेट्टी ने इस पहल की तारीफ करते हुए कहा कि बीजीएफए ने गीता की शिक्षाओं को युवाओं और नए दर्शकों तक आधुनिक और रोचक तरीके से पहुंचाया है। उनके मुताबिक, “यह ऐसा तोहफा है, जिसकी प्रेरणा आने वाली पीढ़ियों तक रहेगी। गीता की सीख आज के दौर में भी उतनी ही प्रासंगिक है, और इसे सरल तरीके से समझाना बीजीएफए का सबसे बड़ा योगदान है।”
बीजीएफए: गीता को बनाया सबके लिएश्री पृथ्वीराज शेट्टी द्वारा शुरू किया गया भगवद गीता फॉर ऑल गीता के कालजयी ज्ञान को आज के समाज के लिए सरल और उपयोगी बनाने पर जोर देता है। आधुनिक कहानी कहने की शैली और इंटरैक्टिव तरीकों के जरिए यह पहल गीता को व्यक्तिगत विकास, मानसिक स्वास्थ्य और परिवार में सामंजस्य का जरिया बना रही है। यह अभियान गीता को एक ऐसी गाइड के रूप में पेश करता है, जो हर उम्र और हर वर्ग के लिए प्रासंगिक है।
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