New Delhi, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेन्द्र सिंह ने गुरुवार को मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उपPresident सी.पी. राधाकृष्णन से संसद भवन में शिष्टाचार भेंट की.
बैठक के दौरान डॉ जितेन्द्र सिंह ने उपPresident को मंत्रालयों की प्रमुख पहलों और चल रही परियोजनाओं की जानकारी दी. उपPresident ने भारत के नवाचार-आधारित वैज्ञानिक पारिस्थितिकी तंत्र की सराहना की.
उपPresident सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालयों ने भारत के नवाचार-आधारित वैज्ञानिक पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने और अग्रणी प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
उन्होंने यह उल्लेख किया कि वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत ने वर्ष 2015 में 81वें स्थान से 2025 में 38वें स्थान तक उल्लेखनीय प्रगति की है.
उन्होंने कहा कि पेटेंट, वैज्ञानिक प्रकाशनों और प्रौद्योगिकी-आधारित आर्थिक विकास में भारत की उल्लेखनीय वृद्धि देश की वैज्ञानिक क्षमता और नवाचार संस्कृति का प्रतीक है. उपPresident ने वैक्सीन विकास, भारत जेएआई भाषा मॉडल तथा क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में भारत की हाल की उपलब्धियों की सराहना की.
उन्होंने कहा कि ये पहल न केवल भारत की तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित करती हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर उसकी वैज्ञानिक नेतृत्व क्षमता को भी सुदृढ़ करती हैं.
सीपी राधाकृष्णन ने जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान में नैतिकता, युवाओं को विज्ञान एवं अनुसंधान के प्रति प्रेरित करने और उद्योग के साथ सहयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया.
उन्होंने मौसम पूर्वानुमान सेवाओं में तीव्र सुधार और भारत की ब्लू इकॉनमी की विशाल संभावनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत को वैश्विक साझेदारियों के माध्यम से वैज्ञानिक प्रगति के अग्रणी स्थान पर बनाए रखना चाहिए.
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
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