लखनऊ, 6 नवंबर . उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार शैक्षिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों की बालिकाओं को मुख्यधारा से जोड़ने, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष प्रयास कर रही है. सरकार के प्रयास से कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की बेटियां न केवल पढ़ाई में बल्कि खेलकूद और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर रही हैं.
अमरोहा की बेटी बनी एसडीएम
योगी सरकार के प्रयास का ही प्रतिफल है कि अमरोहा की निधि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 39वीं रैंक हासिल कर एसडीएम के रूप में चयनित हुई हैं और अपनी कार्यशैली से प्रदेश का मान बढ़ा रही हैं. उन्नाव की केजीबीवी में पढ़ाई करने वाली अर्चना देवी ने अंडर-19 महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया. महोबा की केजीबीवी की छात्रा निदा खातून ने भी नीट परीक्षा पास कर एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की और अब चिकित्सा क्षेत्र में लगातार आगे की ओर अपना कदम बढ़ा रही हैं.
कोई फुटबॉल तो कोई गतका मार्शल आर्ट में लिख रही इतिहास
वर्ष 2024-25 की राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं में केजीबीवी की बालिकाओं ने शानदार प्रदर्शन किया. अंडर-14 फुटबॉल में उपविजेता का खिताब जीता. राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में अंडर-14 और अंडर-17 वर्ग में चार-चार बालिकाओं का चयन हुआ है. इसके अलावा, गतका मार्शल आर्ट में बालिकाओं ने 2 रजत और 2 कांस्य पदक प्राप्त किए हैं. इसी तरह जूडो और कुश्ती में भी एक-एक रजत और कांस्य पदक जीते गए. थांगता मार्शल आर्ट में 2 स्वर्ण पदक जीतकर बालिकाओं ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में अपनी जगह बनाई है.
आत्मनिर्भरता और नेतृत्व की नई इबारत लिख रही हैं बेटियां
केजीबीवी की बालिकाओं को गाइड का प्रशिक्षण देकर उनमें आत्मनिर्भरता और नेतृत्व क्षमता का विकास किया जा रहा है. उच्चीकृत केजीबीवी विद्यालयों में एनसीसी यूनिट स्थापित करने के लिए एनसीसी निदेशालय से भी अनुरोध किया गया है, ताकि बालिकाएं सेना और अन्य रक्षा सेवाओं में करियर बना सकें.
खेलकूद और शारीरिक विकास में उत्कृष्टता के लिए हो रहे प्रयास
शारीरिक और मानसिक विकास के लिए केजीबीवी की बालिकाओं को खेलकूद में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. केजीबीवी को राज्य स्तरीय खेल यूनिट के रूप में मान्यता दी है. यहां बालिकाएं फुटबॉल, जूडो, कुश्ती, गतका जैसे खेलों में भाग लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही हैं.
योगी सरकार के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह का कहना है कि केजीबीवी में पढ़ाई करने वाली गरीब परिवारों की बेटियों के उन्नयन के लिए सरकार कृत-संकल्पित है. अब सरकार ने 2025-26 तक सभी केजीबीवी को कक्षा 12 तक उच्चीकृत करने का लक्ष्य रखा है. वर्तमान में यूपी में 746 केजीबीवी हैं, जिनमें कुल 81,280 बालिकाएं नामांकित हैं, जो अपने करियर को आगे बढ़ाने में सक्षम हो रही हैं.
/ बृजनंदन
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