भागलपुर, 13 अप्रैल . पीस सेंटर परिधि द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम फुले से अंबेडकर विचार यात्रा के तीसरे दिन और अम्बेडकर जयंती के पूर्व दिवस पर रविवार को युवाओं और किशोर किशोरियों के बीच कार्यक्रम आयोजित हुआ. यह कार्यक्रम गोराडीह प्रखंड के अगड्डा गांव में आयोजित हुआ. इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए पीस सेंटर परिधि के संयोजक राहुल ने कहा कि महात्मा फूले जिन्हें डॉ अम्बेडकर अपना वैचारिक गुरु मानते थे आधुनिक भारत के समाज निर्माता थे. आज पूरा देश फुले और अम्बेडकरमय है.
ज्योतिराव फुले के नाम के आगे महात्मा लगा है. यह इसलिए है कि उन्होंने धर्म और संप्रदाय की मानव केंद्रित व्याख्या लोगों के सामने रखी. महात्मा फूले और डॉ अम्बेडकर दोनों ने ही शिक्षा को कमजोर वर्ग के परिवर्तन के औजार के रूप में देखा. यह बात सही है कि शिक्षा दोधारी तलवार है स्थापित वर्ग अपनी सत्ता बनाए रखने और कमजोर वर्ग अपनी स्थिति को बदलने हेतु शिक्षा का उपयोग करता है. जाति व्यवस्था अवैज्ञानिक, अमानवीय और विषमतावादी अवधारणा है. जय नारायण ने कहा भारत में जाति व्यवस्था की जड़ हिंदू धर्म में जो लंबे समय से चल रहा है. यही कारण है कि जाति व्यवस्था के प्रतिरोध का हर स्वर हिंदू धर्म के खिलाफ जाता है. यही कारण है जाति व्यवस्था में जिन्हें ऊंचा स्थान मिला हुआ वे हिंदू धर्म की श्रेष्ठता की बात करते हैं.
विनय कुमार भारती ने कहा कि आधुनिक और विकसित भारत के लिए और मजबूत राष्ट्र के जाति व्यवस्था को खत्म करना ही होगा. ये समझ फुले और अम्बेडकर की थी. इस अवसर पर जय नारायण, अरविन्द कुमार सिंह, विनय कुमार भारती, राहुल, छतीस कुमार, धर्मेंद्र कुमार, बिभास कुमार, अश्वनी कुमार, ममता कुमारी, कोमल कुमारी, बिजय माँझी, रीमा देवी ,सुलोचना देवी, सबो देवी आदि मौजूद थे.
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/ बिजय शंकर
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