– बादल फटने की घटनाओं, तीर्थाटन, पर्यटन के साथ ही पंचायत चुनावों को लेकर हुई चर्चा
देहरादून, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में मंगलवार को सायं उत्तराखंड की खबरों के तटस्थ विश्लेषण का मासिक कार्यक्रम ‘खबरपात’ की शुरुआत की गई। कार्यक्रम के पहले भाग में उत्तराखंड में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं, इन घटनाओं से राज्य के तीर्थाटन और पर्यटन पर पड़ने वाले प्रभाव के साथ ही पंचायत चुनावों को लेकर चर्चा हुई। राज्य के मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में बढ़ रही असमानता पर भी बात की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत में दून लाइब्रेरी के निकोलस हॉफलैंड ने करते हुए कार्यक्रम की उद्देश्य के बारे में बताया। अतिथि वक्ता और डॉ.अतुल शर्मा ने कार्यक्रम पोस्टर का भी लोकार्पण किया। पोस्टर के खबरपात के उद्देश्यों और कार्यक्रमों की जानकारी दी गई है। कहा कि इसमें प्रदेश की सूचनाओं व समाचारों के तटस्थ समीक्षात्मक विश्लेषण और जन सरोकार के विषयों व नागरिकों के सुझावों पर बातचीत करने व समाधान खोजने का प्रयास किया जाएगा।
प्राकृतिक आपदाओं और उनके प्रभाव वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत ने विस्तार से बात रखी। उन्होंने सतपुली बाढ़ से लेकर बेलाकूचली, मालपा और केदारनाथ तक और केदारनाथ के बाद की आपदाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बादल फटने और आकस्मिक बाढ़ आने की घटनाओं में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। पहले कई सालों में कोई एक घटना होती थी, अब एक ही साल में कई घटनाएं हो जाती हैं। उन्होंने मौसम परिवर्तन के साथ ही तीव्र और अनियोजित विकास को भी इसका एक कारण बताया।
संचालन करते हुए त्रिलोचन भट्ट ने आपदाओं से राज्य का तीर्थाटन और पर्यटन प्रभावित होता है, जिसका राज्य की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने राज्य में तीर्थाटन और पर्यटन को लेकर भी बात रखी और सुझाव दिया कि राज्य में धर्मस्व और संस्कृति मंत्रालय को तीर्थयात्रा का संचालन की व्यवस्था मजबूती से करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चार धामों का स्वरूप आम पर्यटन स्थलों की तरह हो गया है। नये पर्यटन स्थल विकसित न किये जाने के कारण चारों धामों और मसूरी, नैनीताल में क्षमता से ज्यादा यात्री और पर्यटक आ रहे हैं।
कार्यक्रम के दूसरे हिस्से में पंचायत चुनावों और मतदाताओं की असमान संख्या पर चर्चा की गई। इस चर्चा में एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने कहा कि पंचायत चुनावों में कई तरह की विषमताएं .सामने आ रही हैं। उन्होंने मुख्य रूप में पहाड़ों और मैदानों में मतदाताओं की संख्या की असमानता पर अपनी बात रखी। कहा कि यही स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में पहाड़ों का प्रतिनिधित्व बहुत कम रह जाएगा। यह स्थिति भविष्य में पहाड़ की सामाजिक परिवेश में कई तरह की समस्याओं को जन्म देगी।
इस मौके पर रजनीश त्रिवेदी, आर.पी. भार द्वाज, वाई एस नेगी,हरि राज, डॉ. बृज मोहन शर्मा, डॉ. अतुल शर्मा, सुन्दर विष्ट, विवेक चौहान, रवि तिवारी, कर्नल निधि कांत,जगदीश बाबला, इन्द्रेश मैखुरी, नीरज उनियाल, डॉ. लालता प्रसाद, विजय भट्ट, चंद्रशेखर तिवारी व सोमेश्वर पाण्डे आदि सहित शहर के कई लेखक व पाठकगण मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
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