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आपात स्थितियों से निपटने को भीष्म क्यूब की तैनाती

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-अत्याधुनिक तकनीक से लैस चलता-फिरता अस्पताल है भीष्म क्यूब

-बेहद मजबूत और मात्र 12 मिनट में बनकर होता है तैयार

-सर्जिकल, डायग्नोस्टिक टूल्स और रोगी की देखभाल सम्बंधित सभी सुविधाएं मौजूद

प्रयागराज, 05 नवम्बर . महाकुम्भ में आपात स्थितियों से निपटने के लिए योगी सरकार ने व्यापक तैयारी की है. पहली बार भीष्म क्यूब की तैनाती की जा रही है, जो अत्याधुनिक तकनीक से युक्त क्रांतिकारी मोबाइल अस्पताल है. गौरतलब है कि 22 जनवरी 2024 में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान भी भीष्म क्यूब की तैनाती की गई थी.

संयुक्त निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य, प्रयागराज डॉ. वी.के. मिश्रा ने बताया कि एक भीष्म (बैटलफील्ड हेल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर मेडिकल सर्विसेज) क्यूब 200 लोगों का एक साथ उपचार कर सकता है. भीष्म क्यूब में सर्जिकल सुविधाएं, डायग्नोस्टिक टूल्स और रोगी के देखभाल से सम्बंधित सभी सुविधाएं मौजूद हैं. ये बेहद मजबूत, वॉटरप्रूफ और हल्के हैं. इससे तुरंत इलाज की सुविधा शुरू की जा सकती है. यह चिकित्सा सेवाओं के प्रभावी समन्वय, वास्तविक समय में निगरानी और कुशल प्रबंधन को सुगम बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डाटा एनालिटिक्स को एकीकृत करता है.

डॉ. मिश्रा ने बताया कि भीष्म क्यूब की पूरी यूनिट को आसानी से हाथ, साइकिल या ड्रोन द्वारा भी ले जाया जा सकता है. इस चलते-फिरते अस्पताल की खासियत यह है कि इसे आपातकालीन परिस्थितियों में विमान से एयरड्रॉप किया जा सकता है. भीष्म क्यूब 12 मिनट के भीतर तैनात होने की क्षमता रखता है. डॉ. मिश्रा ने बताया कि इन पोर्टेबल हॉस्पिटल क्यूब्स का विकास और परीक्षण भारतीय वायुसेना, भारतीय स्वास्थ्य सेवा संस्थानों और डिफेंस टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स ने मिल कर किया है.

गौरतलब है कि, इसी साल अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी यूक्रेन यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ब्लादिमिर जेलेंस्की को भीष्म क्यूब की यूनिट्स भेंट स्वरूप दी थीं.

/ विद्याकांत मिश्र

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