देहरादून, 5 नवंबर . उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि मारचुला में बस हादसा केवल एक त्रासदी नहीं है बल्कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है. हर बार आपदा और हादसे के बाद सरकार कहती है कि इसकी जांच होगी और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होगी लेकिन एक हफ्ते बाद ही सब मामला ठंडा पड़ जाता है.
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मंगलवार काे एक बयान जारी कर कहा कि उत्तराखंड में कभी आपदा तो कभी सड़क हादसा, ये सब यहां के लोगों की नियति बन चुकी है. उन्होंने कहा कि ओवरलोड दुर्घटना का कारण हो सकता है जिसके जिम्मेदार ड्राइवर कडंक्टर से लेकर आरटीओ, एआरटीओ होंगे, पर सड़कें और ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के बुरे हालातों का उत्तरदायी कौन है. उन्होंने कहा कि जिस जगह बस खाई में गिर गई वहां ‘पैराफिट’ या ‘क्रैश बैरियर’ होता तो ऐसी त्रासदी से बच पाने की उम्मीद की जा सकती थी.
उन्होंने कहा कि बस दुर्घटना की जिम्मेदारी सिर्फ दो अधिकारियों की ही है, किसी और की नहीं. पहाड़ की सड़कों की जर्जर स्थिति और उसके कारण हो रही दुर्घटनाओं की जिम्मेदार स्पष्ट रूप से राज्य सरकार है.
नेता प्रतिपक्ष ने राज्य सरकार से मांग की कि तय समय में सड़क दुर्घटना के समस्त पहलुओं की विस्तृत जांच हो. साथ ही दुर्घटना के लिए सड़क निर्माण और उसके संधारण के लिए उत्तरदाई विभाग के उत्तरदायित्व का निर्धारण,आपातकालीन चिकित्सा सहायता उपलब्ध ना होने की स्थिति को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत करे. सरकार आमजन को आश्वस्त करे कि भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाओं की पुनरावृति नही हाेगी.
/ राजेश कुमार
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