उज्जैन, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) . Madhya Pradesh के उज्जैन जिले में संचालित क्लीनिकों में से केवल 335 क्लीनिक ही विधिवत पंजीकृत हैं. शेष सभी क्लीनिक बिना पंजीयन के संचालित हो रहे हैं. सीएमएचओ ने इन क्लीनिक संचालकों को चेतावनी दी है कि बिना पंजीकरण के क्लीनिकों का संचालन न करें अन्यथा कार्यवाही की जाएगी. उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी क्लीनिक या नर्सिंग होम में उपचार के लिए जाते समय उस क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र आवश्य देखें.
सीएमएचओ डॉ. अशोक कुमार पटेल ने मंगलवार को बताया कि Madhya Pradesh उपचारगृह तथा रुजोपचार संबंधी संस्थाएं (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) अधिनियम, 1973 के तहत प्रदेश में संचालित सभी निजी क्लीनिक और नर्सिंग होम का पंजीकरण अनिवार्य है. यह नियम एलोपैथी, आयुष, फिजियोथैरेपी, डेंटल चिकित्सा पद्धतियों पर समान रूप से लागू होता है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में केवल 335 क्लीनिक ही विधिवत रूप से पंजीकृत हैं. उन्होंने बाकी संचालकों को शीघ्र एमपी ऑनलाइन के नर्सिंग होम क्षेत्र पोर्टल पर पंजीकरण कराने के निर्देश दिए गए हैं. चेतावनी दी है कि बिना पंजीकरण के संचालित क्लीनिकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
क्लीनिक और नर्सिंग होम में अंतर
डॉ. पटेल ने बताया कि क्लीनिक वह स्थान होते हैं जहां केवल परामर्श सेवाएं दी जाती हैं, मरीजों को भर्ती नहीं किया जाता और न ही कोई चिकित्सा प्रक्रिया (प्रोसीजर) की जाती है. वहीं नर्सिंग होम या अस्पताल ऐसे संस्थान होते हैं जहां मरीजों को भर्ती किया जाता है, बेड की सुविधा होती है और विभिन्न प्रकार की चिकित्सा सेवाएं दी जाती हैं.
नागरिकों से अपील
डॉ. पटेल ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी क्लीनिक या नर्सिंग होम में उपचार के लिए जाते समय यह अवश्य जांच लें कि वहां रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र प्रदर्शित है या नहीं. साथ ही प्रमाणपत्र की वैधता अवधि और जारी प्रारूप की पुष्टि भी कर लें. यदि किसी संस्थान में यह प्रमाणपत्र नहीं लगा है, तो वहां की सेवाएं न लें. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने और फर्जी क्लीनिकों पर रोक लगाने के लिए यह कदम जरूरी है. विभाग जल्द ही जिले में फर्जी क्लीनिकों के विरूद्ध निरीक्षण अभियान चलाएगा.
ऑनलाइन पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेज
क्लीनिक पंजीकरण के लिए संचालक को एमपी ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करते समय निम्न दस्तावेज अपलोड करना होंग-
* क्लीनिक का नक्शा
* प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) की एनओसी
* संचालक डॉक्टर की डिग्री और वैध रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र
* स्टाफ की शैक्षणिक योग्यताएं एवं रजिस्ट्रेशन दस्तावेज
* रेडियोलॉजी क्लीनिक होने पर प्रमाणपत्र
* रेडियोलॉजिस्ट और पैथोलॉजिस्ट का स्टांप पेपर पर घोषणा पत्र, जिसमें यह उल्लेख हो कि वे स्वयं की प्रयोगशाला के अलावा केवल एक अतिरिक्त लैब में ही विजिटिंग पैथोलॉजिस्ट के रूप में कार्य कर सकेंगे.
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
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