देहरादून, 04 जुलाई (Udaipur Kiran) । नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने उत्तराखंड में विद्यालयों को मर्ज करने की नीति का विरोध करते हुए इसे रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न सिर्फ शिक्षा विरोधी ही नहीं बल्कि सामाजिक न्याय की मूल भावना का अवहेलना है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने एक जारी बयान में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति—2020 में क्लस्टर स्कूल की अवधारणा को स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों के समुचित उपयोग को बढ़ाने के लिए प्रस्तावित किया गया है। इसके अंतर्गत कही भी स्कूलों के विलय-समायोजन या बंद करने का कोई प्रावधान नही है। सरकार छोटे विद्यालयों को,जहां छात्र संख्या कम है, उन्हें पास के बड़े विद्यालयों में मर्ज करने की बात कह रही है। राज्य सरकार की इस योजना से बड़ी तादाद में विद्यालय बंद हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण आंचलिक क्षेत्रों में शराब की दुकानों में वृद्धि और स्कूलों की संख्या में गिरावट न्याय संगत नहीं है। जिन स्कूलों को छोटा कहकर बंद किया जा रहा है,वे ही गांवों के बच्चों के लिए आत्मविश्वास,सामुदायिक जुड़ाव और जीवन की बुनियादी पहचान हैं। केवल स्कूल बंद ही नहीं बल्कि शिक्षकों-प्रधानाचार्य-प्रधानाध्यापक व शिक्षणेत्तर कर्मियों के पद खत्म हो जाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार योजना लागू करने से पहले शिक्षा के सभी हितधारकों से संवाद स्थापित करनी चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
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