उदयपुर, 8 नवंबर — RNT मेडिकल कॉलेज, उदयपुर में विश्व रेडियोलॉजी दिवस पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें रेडियोलॉजी विज्ञान और इसके जनक सर विल्हेम कोनराड रोन्टजन की ऐतिहासिक खोज को सम्मानपूर्वक याद किया गया. इस अवसर पर चिकित्सा क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्तियों और छात्रों ने एक्स-रे की खोज से आधुनिक चिकित्सा क्षेत्र में आए परिवर्तन और इसकी महत्ता पर चर्चा की.
सर विल्हेम कोनराड रोन्टजन की खोज को किया नमनकार्यक्रम की शुरुआत प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ. विपिन माथुर ने सर विल्हेम कोनराड रोन्टजन के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से की. रेडियोडायग्नोसिस विभाग के प्रमुख डॉ. नरेंद्र कदम ने रोन्टजन के योगदान को भावुकता से याद करते हुए कहा, “एक्स-रे की खोज न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांति लेकर आई, बल्कि लाखों जीवन बचाने का मार्ग प्रशस्त किया.” डॉ. कदम ने बताया कि 1895 में की गई इस खोज ने चिकित्सा क्षेत्र में एक नई राह दिखाई और आज इमेजिंग तकनीकों की आधुनिकता इसी की देन है.
एक्स-रे के दुष्प्रभावों पर चर्चाइस अवसर पर अतिरिक्त प्रधानाचार्य और रेडियोडायग्नोसिस विभाग के प्रोफेसर डॉ. कुशल गहलोत ने एक्स-रे की आधुनिक चिकित्सा में बढ़ती उपयोगिता पर चर्चा करते हुए इसके अत्यधिक प्रयोग से होने वाले दुष्प्रभावों पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, “एक्स-रे एक अनमोल साधन है, लेकिन इसके अत्यधिक उपयोग से रेडिएशन का खतरा भी बढ़ जाता है. हमें इसके प्रयोग में संयम बरतना चाहिए.” डॉ. गहलोत की इस बात ने श्रोताओं को इस तकनीक की उपयोगिता के साथ-साथ इसके विवेकपूर्ण इस्तेमाल की महत्ता से भी अवगत कराया.
फैकल्टी और रेडियोग्राफ़र्स का हुआ सम्मानकार्यक्रम में रेडियोडायग्नोसिस विभाग के उन फैकल्टी सदस्यों और रेडियोग्राफ़र्स को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने कार्य में उत्कृष्ट योगदान दिया है. उनके योगदान की सराहना करते हुए उन्हें स्मृति चिह्न प्रदान किए गए. इस सम्मान ने न केवल उपस्थित रेडियोग्राफ़र्स और फैकल्टी में गर्व का संचार किया, बल्कि युवा छात्रों को भी प्रेरित किया कि वे भी चिकित्सा के क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें.
रेडियोलॉजी के क्षेत्र में योगदान को किया सलामकार्यक्रम के दौरान कॉलेज के विभिन्न विभागों के प्रमुखों और वरिष्ठ रेडियोग्राफ़र्स ने भी अपनी बात रखी और रेडियोलॉजी के क्षेत्र में हो रहे विकास पर चर्चा की. उनके विचारों ने यह स्पष्ट किया कि एक्स-रे और इमेजिंग तकनीकें आज न केवल बीमारियों के निदान में सहायक हैं, बल्कि गंभीर रोगों का समय रहते उपचार करने में भी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.
कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापनइस भावुक और प्रेरक कार्यक्रम का संचालन प्रभारी रेडियोग्राफ़र राहुल देव और मितली चतुर्वेदी ने किया. कार्यक्रम के अंत में सीनियर रेडियोग्राफ़र ललित अग्रवाल और कृष्ण चंद सेनी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया. उनके धन्यवाद ज्ञापन में रेडियोलॉजी विज्ञान और सर रोन्टजन की अनमोल खोज के प्रति सम्मान की झलक दिखाई दी.
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