– केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने रामायण महोत्सव में की शिरकत
सिलीगुड़ी, 15 मार्च . केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को सिलीगुड़ी में आयोजित ‘रामायण महोत्सव’ में शिरकत की. उन्होंने कहा कि रामायण केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, यह भारतवर्ष की आत्मा है. यह वह महागाथा है, जो धर्म, मर्यादा, त्याग, समर्पण और आदर्शों की शिक्षा देती है. वाल्मीकि रामायण से लेकर तुलसीदास का रामचरितमानस, कंबन की तमिल रामायण, कृति वास की बंगाली रामायण और अब राजबंशी रामायण, हर संस्करण ने अपनी भाषा, क्षेत्र और संस्कृति के अनुसार इस दिव्य गाथा को अपनाया और संवारा है.
शेखावत ने समारोह में प्रख्यात कवि एवं पद्मश्री नागेंद्र नाथ रॉय द्वारा रचित अमूल्य ग्रंथ ‘राजबंशी रामायण’ का लोकार्पण भी किया. उन्होंने कहा कि यह केवल एक ग्रंथ का विमोचन नहीं है, बल्कि यह हमारी लोक-संस्कृति, हमारी भाषायी विरासत, और हमारी रामकथा की परंपरा का पुनर्जागरण है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत योजना के अंतर्गत भाषाई आदान-प्रदान हो या फिर देशभर में क्षेत्रीय महोत्सवों का आयोजन हो, हम निरंतर इस बात का प्रयास कर रहे हैं कि भारत की विविधता को उसकी शक्ति बनाया जाए.
उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग केवल प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण क्षेत्र नहीं हैं, बल्कि यहां की सांस्कृतिक विविधता भी पर्यटकों को आकर्षित करती है. मैं राजबंशी समुदाय और उत्तर बंगाल के सभी नागरिकों को भी विशेष रूप से बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने अपनी सांस्कृतिक विरासत को न केवल संरक्षित किया है, बल्कि उसे अगली पीढ़ियों तक पहुंचाने का संकल्प भी दिखाया है.
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/ संतोष मधुप
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