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एसआईआर तभी स्वीकार्य जब वर्तमान लोकसभा भंग हो : अभिषेक बनर्जी

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कोलकाता, 12 अगस्त (Udaipur Kiran) । तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और लोकसभा में पार्टी के नेता अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावित स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन तभी स्वीकार्य होगा जब वर्तमान लोकसभा को भंग किया जाए।

कोलकाता एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में बनर्जी ने कहा है कि अगर मान भी लिया जाए कि मतदाता सूची में गड़बड़ी के कारण एसआईआर आवश्यक है, तो यह भी स्वीकार करना होगा कि पिछले लोकसभा चुनाव उसी गड़बड़ सूची से हुए थे। ऐसे में वर्तमान संसद को भंग करना चाहिए। प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को भी इस्तीफा देना चाहिए। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं, वहां की भी विधानसभाएं भंग की जानी चाहिए।

उन्होंने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की, यह आरोप लगाते हुए कि उनके कार्यकाल में गड़बड़ी वाली मतदाता सूचियों के आधार पर चुनाव कराए गए।

बनर्जी ने दिल्ली पुलिस पर विपक्षी सांसदों के शांतिपूर्ण मार्च पर अनावश्यक बल प्रयोग का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि हमारे कुछ सरल सवाल थे एसआईआर की जरूरत क्यों? इतने वर्षो बाद भी डिजिटल वोटर लिस्ट क्यों नहीं? लेकिन चुनाव आयोग के अधिकारी इन सवालों के जवाब देने को तैयार नहीं थे, इसलिए हमें अंदर नहीं जाने दिया गया।

उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने सोमवार को विपक्षी दलों के ‘मतदाता सूची में हेरफेर’ संबंधी आरोपों को खारिज करते हुए फैक्ट-चेक जारी किया। आयोग ने दावा किया है कि बिहार में ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल प्रकाशित होने से पहले, प्रकाशन के समय और बाद में राजनीतिक दलों के साथ बैठकें की गई और इस प्रक्रिया में उच्चतम स्तर की पारदर्शिता बरती गई। आयोग ने एसआईआर का वास्तविक आदेश दोबारा जारी किया और कांग्रेस, राजद व वाम दलों के प्रतिनिधियों की गवाही वाले वीडियो का लिंक भी सांझा किया है।

यह बयान उस दिन आया जब विपक्षी गठबंधन के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में संसद से निर्वाचन सदन तक विरोध मार्च निकाला गया था।

(Udaipur Kiran) / अनिता राय

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