कोलकाता, 20 मई .जादवपुर विश्वविद्यालय में इस शैक्षणिक सत्र के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में दाखिला फिलहाल रोक दिया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह निर्णय लिया है. एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि इसका कारण ओबीसी आरक्षण से जुड़ा मामला है, जो वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
विश्वविद्यालय ने कुछ दिन पहले ही ओबीसी आरक्षण को लेकर दिशा-निर्देश मांगते हुए राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और उच्च शिक्षा विभाग को पत्र भेजा था. इसके जवाब में दोनों विभागों ने विश्वविद्यालय से ही इस मुद्दे पर उनकी राय मांगी. इस पृष्ठभूमि में सोमवार को विश्वविद्यालय की विज्ञान और कला विभाग की प्रवेश समिति की बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि अगली सूचना तक सभी दाखिला प्रक्रियाएं स्थगित रहेंगी. साथ ही, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में कानूनी सलाह लेने का भी निर्णय किया है.
इस पूरे घटनाक्रम पर विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठन ‘जुटा’ के महासचिव पार्थप्रतिम राय ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार बार-बार उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश भेजती है, लेकिन जब ओबीसी आरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर स्पष्टीकरण मांगा जाता है तो वह चुप्पी साध लेती है. सरकारी संस्थानों की दाखिला प्रक्रिया में देरी कर के सरकार निजी संस्थानों को लाभ पहुंचाना चाहती है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण से जुड़ा मामला विचाराधीन है. इसी कानूनी अनिश्चितता के चलते पिछले वर्ष भी जादवपुर विश्वविद्यालय में दाखिला प्रक्रिया प्रभावित हुई थी. तब विश्वविद्यालय ने छात्रों से शपथ-पत्र लेकर दाखिला दिया था.
इस बीच कोलकाता विश्वविद्यालय ने भी इसी मुद्दे पर राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा है. हालांकि, उसने एमटेक पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए जारी अधिसूचना में ओबीसी आरक्षण का उल्लेख किया है. विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि हम राज्य सरकार के उत्तर की प्रतीक्षा कर रहे हैं. जो निर्देश मिलेगा, उसी के अनुसार हम आगे की कार्रवाई करेंगे.
इन तमाम उलझनों के बीच जादवपुर विश्वविद्यालय ने स्पष्ट रुख अपनाते हुए फिलहाल दाखिले की प्रक्रिया को रोकने का निर्णय ले लिया है, जिससे सैकड़ों छात्र-छात्राओं की चिंताएं बढ़ गई हैं. अब सभी की नजर राज्य सरकार की ओर से आने वाले अगले निर्देश पर टिकी है.
/ ओम पराशर
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