Next Story
Newszop

रतलाम : सौतेली मां की हत्या के आरोपित पुत्र को उम्रकेद

Send Push

रतलाम, 05 जुलाई (Udaipur Kiran) पीएनटी कॉलोनी रतलाम में 16 अगस्त 2023 को अपनी सौतेली मां मंजू कौशल (55) की गला दबाकर हत्या करने के आरोप में पुत्र निखिलेश कौशल को रतलाम न्यायालय के सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव ने धारा 302 भारतीय दंड संहिता के तहत आजीवन कारावास व 1000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया।

प्रकरण में शासन की ओर से पैरवीकर्ता अपर लोक अभियोजक समरथ पाटीदार ने शनिवार को बताया कि को पीएनटी कॉलोनी निवासी निखिलेश कौशल ने अपने पड़ोस में रहनेवाले राजीव कौशल के घर जाकर सुबह 06:30 बजे जब वह सो रहा था तो उसे उठाया और बोला कि मम्मी किचन में गिर गई है, राजीव ने जब निखिलेश के घर जाकर देखा तो मंजू जमीन पर गिरी हुई थी। फिर दोनों मंजू को ऑटो रिक्शा से मृत अवस्था में जिला चिकित्सालय रतलाम लेकर गए।

जिला चिकित्सालय मे डॉक्टर प्रणब मोदी द्वारा मृतिका की बी.पी. पल्स न होने से ईसीजी सीधे लाइन में होकर मृतिका के गले पर नाखून के निशान होने पर मृतिका मंजू कौशल के शव को अग्रिम कार्रवाई हेतु अस्पताल पुलिस चौकी के सुपुर्द कर इस संबंध में तहरीर अस्पताल पुलिस चौकी को भेजी, इस आधार पर थाना औद्योगिक क्षेत्र रतलाम में सूचना प्राप्त होने पर मर्ग पंजीकृत कर मर्ग जांच प्रारंभ की गई।

मर्ग जांच के दौरान जिला चिकित्सालय में मृतिका मंजू कौशल के पीएम रूम में रखे शव का लाश पंचायत नामा लिया गया व मृतिका की पुत्री निकिता वर्मा व अन्य साक्षीगण तरुण कौशल, किशोर कुमार कौशल, राजीव उर्फ पम्मी के कथन लिए गए। सभी ने कथनों में बताया कि आरोपित निखिलेश व मृतिका मंजू कौशल एक साथ एक ही घर में निवास करते थे और पारिवारिक तथ्यों के संबंध में झगड़ा होता रहता था।

निखिलेश की पत्नी के मायके चले जाने से निखिलेश सौतेली मां मंजू से झगड़ा करता था, सभी साथियों ने निखिलेश द्वारा ही हत्या करने की आशंका व्यक्त की थी।

मृतिका मंजू कौशल की पीएम रिपोर्ट मेडिकल कॉलेज फोरेंसिक विभाग से प्राप्त करने पर पीएम रिपोर्ट में भी मृतिका मंजू का गला दबाने से श्वास रोध होना पाया गया। पुलिस जांच में भी आरोपी निखिलेश द्वारा ही उसकी सौतेली मां मंजू कौशल की पारिवारिक झगड़े में गला दबाकर हत्या करना पाए जाने पर अभियुक्त निकलेश के विरुद्ध थाना औद्योगिक क्षेत्र रतलाम में धारा 302 भारतीय दंड संहिता के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

पुलिस द्वारा आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर उपयोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।

न्यायालय में प्रकरण के विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से सात साक्ष्यों के कथन न्यायालय में कराए गए। साक्षियों ने न्यायालय में बताया कि निखिलेश की पत्नी पूजा का झगड़ा उसकी मां के साथ हुआ था इस कारण निखिलेश की पत्नी घर छोड़कर मायके चली गई उसके बाद वह वापस नहीं आई थी। साक्षियों ने यह भी बताया कि अंतिम संस्कार के समय भी मृतिका मंजू के गले में नाखून के निशान दिख रहे थे।

पीएमकर्ता डॉक्टर एसएन हुसैन ने न्यायालय में बताया कि पीएम के दौरान मृतिका मंजू के गले पर बाहरी एवं आंतरिक चोटे थी।

अपर लोक अभियोजक समरथ पाटीदार ने बताया कि घटना का कोई चश्मदित साक्षी नहीं था, न्यायालय ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य की कड़ी को आधार माना कि मृतिका मंजू व आरोपी निखिलेश एक ही मकान में एक साथ निवास करते थे, घटना के समय मकान में केवल दोनों ही थे, मृतिका के गले में निशान थे, दम घुटने से मृत्यु हुई थी, मृतिका की अन्य किसी से रंजिश नहीं थी, घर में विवाद होता था, मृत्यु के संबंध में निखिलेश ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया इससे यह प्रदर्शित होता है कि आरोपित निखिलेश ही दोषी है।

—————

(Udaipur Kiran) / शरद जोशी

Loving Newspoint? Download the app now