भीलवाड़ा, 2 नवंबर .
दीपावली का त्योहार हर घर में खुशियां लेकर आता है, लेकिन भीलवाड़ा जिले के आसींद थाना क्षेत्र के करजालिया ग्राम पंचायत के नारायणपुरा गांव में यह खुशी मातम में बदल गई. नारायणपुरा में शुक्रवार रात एक मावे की फैक्ट्री का बॉयलर फटने से दो मजदूरों की जान चली गई. आज गोर्वधन पूजा के दौरान गांव में शोक छाया रहा. त्योहार के कारण मृतकों का अंतिम संस्कार जल्दी ही कर दी.
नारायणपुरा स्थित मावे की फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर महादेव गुर्जर (35) पुत्र उंकार गुर्जर और राधेश्याम गुर्जर (25) पुत्र सुखदेव गुर्जर की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. इस फैक्ट्री में वे कई दिनों से काम कर रहे थे और शुक्रवार को भी अपने रोजमर्रा के काम में व्यस्त थे. दीपावली के कारण मावे की मांग अधिक होने से वर्कलोड ज्यादा तो था ही. अचानक बॉयलर फट गया, जिससे दोनों मजदूरों की जान चली गई. फैक्ट्री की छत भी टूट गई.
इस हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है. हादसे की खबर मिलते ही आसींद थाना अधिकारी हंसपाल सिंह अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे. वहां का मंजर बेहद दिल दहलाने वाला था. चारों तरफ फैले खून और टूटे हुए बॉयलर के टुकड़ों को देख कर लोगों में खौफ और दुख का माहौल था. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों शवों को आसींद स्वास्थ्य केंद्र में रखवाया और मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ की.
पुलिस ने बताया कि दोनों शवों का पोस्टमार्टम शनिवार को सुबह करवाया गया है. उसके बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया. फैक्ट्री में काम कर रहे अन्य मजदूरों ने बताया कि बॉयलर की स्थिति ठीक नहीं थी और उसमें पहले भी समस्या आ चुकी थी, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया. हादसे के बाद पूरे गांव के लोग गमगीन हो गए और भारी भीड़ मौके पर इकट्ठा हो गई. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. ग्रामीणों
ने बताया कि महादेव और राधेश्याम दोनों ही बहुत मेहनती और ईमानदार मजदूर थे. दोनों के परिवार का सहारा वही थे, और उनकी असमय मौत से उनके परिवारों पर गहरा संकट आ गया है. पीड़ित परिवारों ने प्रशासन से आर्थिक सहायता की मांग की है ताकि वे इस संकट की घड़ी में अपने परिवार का सहारा बन सकें. गांव के लोगों ने भी इस हादसे के बाद फैक्ट्री मालिक से बात की और उनसे सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की. प्रशासन ने भी जांच के बाद दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. यह हादसा दीपावली के मौके पर हुआ, जब हर कोई अपने घरों में खुशियां मना रहा है. लेकिन नारायणपुरा गांव के लोग इस बार दीपावली पर सिर्फ दीप जलाकर अपने इन दो सपूतों को श्रद्धांजलि दे रहे .
उल्लेखनीय है कि राधेश्याम परिवार में सबसे छोटा था और उसके दो बड़े भाई हैं. उसकी शादी मात्र 6 महीने पहले ही हुई थी. महादेव गुर्जर तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था. उसके दो बेटे और एक बेटी है. दोनों युवक मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे.
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/ मूलचंद
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