नालंदा, 13 अप्रैल . गुरुवार की रात आई तेज आंधी और बारिश ने जिले में भारी तबाही मचाई थी. इस प्राकृतिक आपदा में जहां 23 लोगों की जान चली गई, वहीं सैकड़ों पेड़ और बिजली के खंभे गिरने से कई इलाकों की बिजली और पानी आपूर्ति ठप हो गई. प्रशासन ने अधिकांश क्षेत्रों में व्यवस्था बहाल कर दी है लेकिन सोहसराय थाना क्षेत्र के बीच बाजार और आशा नगर मोहल्ला अब भी अंधेरे में डूबा हुआ है.शनिवार को जब आपदा के तीन दिन बाद भी बिजली-पानी की सप्लाई बहाल नहीं हुई, तो स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. नाराज लोगों ने नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार के आवास से महज 100 मीटर दूर रव को किसान कॉलेज के पास छिलका मोड़ पर मुख्य सड़क को जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया.
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया. उनका कहना था कि अधिकारी न तो फोन उठाते हैं न ही मौके पर पहुंचते हैं. स्थानीय विधायक और सांसद से शिकायत करने पर दोपहर तक बिजली बहाल करने का आश्वासन दिया गया था लेकिन शाम तक भी कोई सुधार नहीं हुआ.बिजली-पानी की किल्लत से परेशान महिलाओं ने भी प्रदर्शन का नेतृत्व संभाल लिया है. जब कुछ राहगीरों ने जबरन जाम हटाने की कोशिश की तो महिलाएं लाठी-डंडा लेकर सामने खड़ी हो गईं और साफ कह दिया कि बिजली-पानी की आपूर्ति बहाल होने तक कोई भी रास्ता पार नहीं कर सकता.
स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर जल्द बिजली-पानी की व्यवस्था नहीं बहाल की गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.
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/ प्रमोद पांडे
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