Top News
Next Story
Newszop

भारत के साथ दीर्घकालिक विद्युत व्यापार समझौते को नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी

Send Push

काठमांडू, 5 नवंबर . नेपाल की तत्कालीन प्रचंड सरकार द्वारा भारत के साथ किए गए दीर्घकालिक विद्युत व्यापार समझौते को नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिल गयी है. इस समझौते को रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे देशहित का समझौता बताया है.

चार जनवरी 2024 को भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के नेपाल दौरे के दौरान 10 वर्ष में 10 हजार मेगावाट विद्युत व्यापार समझौता हुआ था. इस समझौते को राष्ट्रघाती बताते हुए तत्कालीन विपक्षी दल सीपीएन (यूएमएल) के समर्थक सूर्यनाथ उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए इस समझौते को खारिज करने की मांग की थी. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली जो कि उस समय विपक्षी दल के नेता थे उन्होंने अपनी पार्टी सीपीएन(यूएमएल) की केंद्रीय समिति में इस समझौते को राष्ट्रघाती बताते हुए इसे खारिज किए जाने का मुद्दा उठाया था.

सुप्रीम कोर्ट ने करीब डेढ़ वर्षों तक सुनवाई होने के बाद मंगलवार को इस पर फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत, न्यायाधीश सपना प्रधान मल्ल तथा न्यायाधीश महेश शर्मा पौडेल की संयुक्त पीठ ने इस समझौते को रद्द करने की मांग वाली याचिका को ही खारिज कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार का पक्ष सुनते हुए नेपाल बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का एमिकस क्यूरी बनाते हुए उनसे भी इस समझौते पर राय मांगी थी. सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. इसके साथ ही इस समझौते को संसद के दो तिहाई बहुमत से पारित करवाने की मांग भी खारिज हो गई है.

————

/ पंकज दास

Loving Newspoint? Download the app now