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(लीड 2) प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर 'आत्मनिर्भर भारत' के अगले अध्याय की रूपरेखा बताई

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नई दिल्ली, 15 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 12वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन में कई घोषणाएं कीं। इनमें स्पष्ट संदेश था कि भारत अपनी शर्तों पर भविष्य गढ़ेगा, अपना भाग्य स्वयं तय करेगा और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कई प्रमुख घोषणाएं की

सेमीकंडक्टर: खोए दशकों से मिशन मोड तक

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि 50-60 वर्ष पहले सेमीकंडक्टर निर्माण के प्रयास प्रारंभ होते ही रुक गए, जबकि अन्य देश आगे बढ़ गए। अब भारत मिशन मोड में है और इस वर्ष के अंत तक पहला ‘मेड इन इंडिया’ चिप तैयार होगा।

परमाणु ऊर्जा क्षमता 2047 तक दस गुना

भारत की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता अगले दो दशकों में दस गुना बढ़ाने के मिशन के तहत 10 नए परमाणु रिएक्टर निर्माणाधीन हैं।

जीएसटी सुधार – दिवाली का तोहफ़ा

अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार दिवाली पर लागू होंगे। इनमें आवश्यक वस्तुओं पर कर में कमी और एमएसएमई, स्थानीय विक्रेताओं व उपभोक्ताओं को राहत शामिल होगी।

10 ट्रिलियन डॉलर भारत के लिए सुधार टास्क फोर्स

प्रधानमंत्री ने ‘रिफॉर्म टास्क फोर्स’ बनाने की घोषणा की, जिसका लक्ष्य आर्थिक वृद्धि में तेजी, लालफीताशाही में कमी, शासन का आधुनिकीकरण और 2047 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की तैयारी है।

एक लाख करोड़ रूपये की पीएम विकसित भारत रोजगार योजना

प्रधानमंत्री ने एक लाख करोड़ रूपये की योजना शुरू की, जिसके तहत नए नियोजित युवाओं को प्रतिमाह 15,000 रूपये सहायता दी जाएगी। इस योजना का लाभ तीन करोड़ युवाओं को मिलेगा, जो स्वतंत्र भारत से समृद्ध भारत की ओर पुल का कार्य करेगी।

हाई-पावर्ड डेमोग्राफी मिशन

प्रधानमंत्री ने सीमा क्षेत्रों में घुसपैठ और अवैध प्रवास से जनसांख्यिकीय असंतुलन के खतरे पर चेताया। इसके समाधान के लिए ‘हाई-पावर्ड डेमोग्राफी मिशन’ शुरू होगा, जो देश की एकता, अखंडता और नागरिक अधिकारों की रक्षा करेगा।

ऊर्जा आत्मनिर्भरता – समुद्र मंथन की शुरुआत

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत के बजट का बड़ा हिस्सा पेट्रोल, डीज़ल और गैस आयात पर खर्च होता है। उन्होंने ‘नेशनल डीपवॉटर एक्सप्लोरेशन मिशन’ की शुरुआत की घोषणा की, जो समुद्री संसाधनों के दोहन के साथ सौर, हाइड्रोजन, जल और परमाणु ऊर्जा में बड़े विस्तार का मार्ग प्रशस्त करेगा।

मेड इन इंडिया जेट इंजन – एक राष्ट्रीय चुनौती

प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे कोविड-19 के दौरान भारत ने वैक्सीन बनाई और डिजिटल भुगतान के लिए यूपीआई विकसित किया, वैसे ही अब हमें अपने जेट इंजन भी बनाने होंगे। उन्होंने वैज्ञानिकों और युवाओं से इसे राष्ट्रीय चुनौती के रूप में स्वीकार करने का आह्वान किया।

मिशन सुदर्शन चक्र – परंपरा और रक्षा का संगम

प्रधानमंत्री ने “मिशन सुदर्शन चक्र” की घोषणा की, जिसका उद्देश्य शत्रु रक्षा तंत्र में सेंधमारी को निष्प्रभावी करना और भारत की आक्रामक क्षमताओं को सुदृढ़ करना है। इसे श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र से जोड़ते हुए उन्होंने बताया कि भारत अपनी सांस्कृतिक और पौराणिक विरासत से प्रेरणा लेकर आधुनिक रक्षा नवाचार को दिशा देता है। यह मिशन रणनीतिक स्वायत्तता का प्रतीक है, जो किसी भी खतरे का तेज, सटीक और शक्तिशाली जवाब सुनिश्चित करेगा।

स्वदेशी का आह्वान

प्रधानमंत्री ने “वोकल फॉर लोकल” पहल के तहत नागरिकों और दुकानदारों से भारत में निर्मित वस्तुओं को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी गर्व और ताकत से प्रेरित होना चाहिए, न कि मजबूरी से। इसके लिए दुकानों के बाहर “स्वदेशी” बोर्ड लगाने जैसी दृश्यमान पहल करने का सुझाव दिया, जिससे आत्मनिर्भरता को बढ़ावा, उद्यमिता को समर्थन और भारत की आर्थिक-औद्योगिक नींव मजबूत हो।

सुधारों पर जोर, ‘नेक्स्ट जनरेशन’ कदमों की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि पिछले वर्षों में सरकार ने ऐतिहासिक सुधारों की लहर चलाई है। 40,000 से अधिक अनावश्यक अनुपालन समाप्त किए गए, 1,500 से अधिक पुराने कानून निरस्त हुए और दर्जनों कानून संसद में सरल बनाए गए। हालिया सत्र में ही 280 से अधिक प्रावधान हटाकर शासन को सरल और नागरिकों के लिए सुलभ बनाया गया। उन्होंने कहा कि सुधार केवल आर्थिक विषय नहीं, बल्कि नागरिकों के रोजमर्रा के जीवन को बदलने का माध्यम हैं।

कर और न्याय सुधार

प्रधानमंत्री ने आयकर सुधार, फेसलेस असेसमेंट, 12 लाख रूपये तक की वार्षिक आय पर शून्य कर और पुराने आपराधिक कानूनों को भारतीय न्याय संहिता से बदलने को प्रमुख उपलब्धियां बताया। इनसे पारदर्शिता, दक्षता और न्यायिक प्रक्रियाओं में सरलता आई है।

उद्यमियों और एमएसएमई को प्रोत्साहन

प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप, एमएसएमई और उद्यमियों के लिए अनुपालन लागत घटाने और पुराने कानूनी प्रावधानों के भय से मुक्ति देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए ‘नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म्स टास्क फोर्स’ बनाई जाएगी, जो सभी आर्थिक कानूनों और प्रक्रियाओं की समयबद्ध समीक्षा करेगी।

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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

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