– इजराइल के राजदूत अंतिम संस्कार में शामिल हुए, इजराइली President का शोक संदेश पढ़ा गया
काठमांडू, 21 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . इजराइल पर हमले के दौरान हमास के हाथों बंधक बनाए जाने के बाद मारे गए 23 वर्षीय विपिन जोशी के पार्थिव शरीर का मंगलवार को महाकाली नदी के तट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान सैकड़ों स्थानीय लोग अंतिम सम्मान देने के लिए इकट्ठा हुए. अंतिम संस्कार से पहले सशस्त्र पुलिस बल के एक दल ने औपचारिक सलामी दी और कंचनपुर के मुख्य जिला अधिकारी लक्ष्मण धाकल ने सम्मान के प्रतीक के रूप में ताबूत पर राष्ट्रीय ध्वज लपेटा.
जोशी के पिता महानंद जोशी और उनके चचेरे भाई किशोर जोशी ने अंतिम संस्कार में मुखाग्नि दी. नेपाल में इजराइल के राजदूत शमुलिक एरी बास, दो अन्य इजराइली प्रतिनिधियों के साथ नदी के किनारे अंतिम संस्कार में शामिल हुए. सम्मान के संकेत के रूप में इजराइली ध्वज भी जोशी के शरीर पर रखा गया और इजराइली President का एक शोक संदेश पढ़ा गया.
सुदुरपाशिम विश्वविद्यालय के छात्र विपिन जोशी ‘अर्न एंड लर्न’ कार्यक्रम के तहत इज़राइल गए थे. वह सेडोट नेगेव क्षेत्र में काम करने वाले 49 नेपाली छात्रों में से एक थे, जब हमास ने 7 अक्टूबर, 2023 को हमला किया था. प्रारंभिक हमले में दस नेपाली मारे गए थे. जोशी उन लोगों में से थे, जिन्हें बंदी बना लिया गया था. लगभग दो वर्षों के बाद इजराइली अधिकारियों ने हमास के साथ संघर्ष विराम के बाद बंधक समझौते के दौरान जोशी की मौत की पुष्टि की. बाद में उनका शव इज़राइल को सौंप दिया गया. Monday को उनके पार्थिव शरीर को काठमांडू के त्रिभुवन अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाया गया, जहां प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने श्रद्धांजलि दी. नेपाल सेना के हेलीकॉप्टर से विपिन जोशी के शव को उनके गृहनगर ले जाया, जहां आज पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
—————
(Udaipur Kiran) / पंकज दास
You may also like
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने की मुख्यमंत्री भजनलाल और उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद से मुलाकात कर दी दीपोत्सव की शुभकामनाएं
पति के होते हुए देवर संग रंगरलिया मना रही थी भाभी,` दोनों ने खा ली साथ जीने मरने की कसमें, फिर..
बड़े भाई की शादी में छोटे भाई की खुल गई किस्मत` और दूल्हा पहुंचा जेल और छोटे ने ले लिए 7 फेरे
काले और जहरीले सांप के बराबर होते हैं ऐसे व्यक्ति, इनसे` दूर रहेंगे तो होगा फायदा ही फायदा
न्यूक्लियर बम हवा में फटे या ज़मीन पर – कहां होती` है ज़्यादा तबाही? जानिए सबसे खतरनाक सच.