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(संशाेधित) : कराची जेल में आत्महत्या करने वाले घुरहू का शव कल पहुंचेगा गांव, अभी छह साथी और हैं जेल में

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जौनपुर, 18 अप्रैल . जिले के मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र के बसिरहा गांव निवासी घुरहू बिन्द की पाकिस्तान के कराची जेल में मौत हो गयी. आराेप है कि पाकिस्तान की पुलिस की यातना से जौनपुर के घुरहू बिंद ( 53) ने जेल में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. बिंद के सात साथी अभी पाकिस्तान की जेल में बंद हैं, जिनके परिजनाें और ग्रामीणाें ने केन्द्र सरकार से छुड़वाने की मांग की है. बाघा बार्डर पर घुरहू बिंद का शव लेने उसके परिजन पहुंचे है. शव लेकर 19 अप्रैल की सुबह वे जौनपुर पहुंचेगे. जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवार की हरसंभव मदद का भराेसा दिया है.

मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र के बसिरहा गांव निवासी घुरहू बिन्दघर की माली हालत ठीक न होने पर कमाने के लिए सन 2021 में गुजरात गये थे. वे वहां पर ओखा बंदरगाह के पास समुद्र से मछली पकड़ने का काम करते थे. कुछ साल पहले पाकिस्तानी रेंजरों ने समुद्र में मछली पकड़ने के दौरान घुरहू समेत सात मछुआरों को पकड़कर कराची जेल में बंद कर दिया था. आराेप है कि पाकिस्तानी जेल के बंदीरक्षकों की यातनाओं से तंग हाेकर घुरहू ने रात में रस्सी के सहारे बाथरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. भारतीय दूतावास के जरिए घटना की जानकारी मिलने पर जिला प्रशासन की ओर से मत्स्य विभाग के एक अधिकारी ने घुरहू के परिजनों को उसकी मौत की सूचना दी.आराेप है कि जेल की यातनाओं से तंग हाेकर घुरहू ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है.

घुरहू के साथ कराची जेल में बंद धमेंद्र बिन्द ने एक चिट्ठी भेजी है. दो पेज में लिखे इस पत्र में उसने पहले श्रीगणेशाय नमः लिखा है, उसके बाद ठेठ भाषा में पूरी बात लिखी है. पत्र के अनुसार अब भी उसके साथी और कराची जेल में बंद हैं और सब डरे हुए हैं. कराची जेल में बंद जाैनपुर के लाेगाें के नाम धर्मेन्द्र बिंद, विनोद बिंद, मुलायम बिंद, लालमन बिंद, नीरज बिंद और सुरेश बिंद बताए गए हैं. ग्रामीणाें ने मांग की है कि पाकिस्तान की जेल में बंद लाेगाें काे छुड़वाने के लिए केन्द्र सरकार मदद करे और सभी काे देश वापस लाया जाए. वर्ष 2002 में कराची जेल से छूटे राजेंद्र बिंद ने आपबीती बताते हुए कहा कि पाकिस्तान की जेल में बहुत यातनाएं मिलती हैं. घुरहू की पत्नी पार्वती देवी ने बताया कि उनकी चार पुत्रियों में सुनीता, सीता, अवतारी विवाहित हैं व संतोषी अविवाहित हैं. पिता की गिरफ्तारी के बाद उनके पुत्र धीरज और नीरज नौकरी कर रहे हैं.

घटना के संबंध में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने कहा कि पीड़ित परिवार की हरसम्भव मदद की जाएगी. पीएम आवास, विधवा पेंशन, समाज कल्याण विभाग से अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद की जाएगी.

/ Sunil Kumar Saxena

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