New Delhi, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) . उच्चतम न्यायालय
इस कानूनी सवाल पर सुनवाई करेगा कि क्या सेशंस कोर्ट जाए बिना कोई आरोपित सीधे उच्च न्यायालय
में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर सकता है. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की दो सदस्यीय पीठ ने केरल उच्च न्यायालय
के इस सामान्य प्रैक्टिस पर संज्ञान लेते हुए इस मामले को तीन सदस्यों की पीठ को रेफर करने का आदेश दिया.
कोर्ट ने इस मामले में कोर्ट की मदद करने के लिए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है. कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल के जरिये केरल उच्च न्यायालय
को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है.
दरअसल, केरल उच्च न्यायालय
अक्सर वादी के सेशंस कोर्ट जाए बिना अग्रिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करता है. उच्चतम न्यायालय
की दो सदस्यीय पीठ ने इस पर एतराज जताते हुए कहा कि दूसरे उच्च न्यायालय
में ऐसा नहीं होता, लेकिन केरल उच्च न्यायालय
में ये सामान्य बात है.
केरल के दो याचिकाकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय
में याचिका दायर की थी, जिनकी अग्रिम जमानत याचिकाएं केरल उच्च न्यायालय
ने खारिज की थी. उच्चतम न्यायालय
ने कहा कि चूंकि उच्च न्यायालय
वादी के बिना सेशंस कोर्ट जाए बिना ही उनकी याचिका पर सुनवाई कर रहा है, इसलिए कई तथ्य सामने नहीं आ पा रहे हैं, जो सेशंस कोर्ट में सामने आ सकते हैं. उसके बाद कोर्ट ने इस मामले को तीन जजों की बेंच को रेफर कर दिया.
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
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