-जल विहार का बेवाण कार्यक्रम स्थगित
भीलवाड़ा, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर कस्बे में कार-ठेला विवाद के बाद सीताराम कीर की पीट-पीटकर हत्या के मामले ने गहरा तूल पकड़ लिया है। शनिवार को पूरे दिन कस्बा बंद रहा और मृतक के परिजनों एवं स्थानीय लोगों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी रहा। घटना के बाद उपजे तनाव को देखते हुए प्रशासन ने पांच और छह जुलाई को मोहर्रम के अवसर पर निकलने वाले ताजिया जुलूस पर रोक लगा दी है।
जहाजपुर के एसडीएम राजकेश मीणा ने ऐहतियातन निर्णय लेते हुए मोहर्रम पर निकलने वाले ताजिया जुलूस की अनुमति वापस ले ली है। अब 5 और 6 जुलाई को कोई भी ताजिया जुलूस नहीं निकाला जाएगा। प्रशासन का यह निर्णय कस्बे में शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से लिया गया है।
शनिवार सुबह से ही मृतक सीताराम कीर का परिवार जहाजपुर के सरकारी अस्पताल के बाहर धरने पर बैठा है। उन्होंने आरोपितों की गिरफ्तारी, हत्या का मामला दर्ज करने, फॉरेंसिक टीम की मौजूदगी में विशेष डॉक्टरों की टीम से पोस्टमार्टम कराने की मांग की है। इसके साथ ही परिजनों ने मृतक परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की है।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की है कि जिन लोगों ने हत्या की है, उनके घरों और अवैध कब्जों पर प्रशासन बुलडोजर चलाए। धरने के दौरान यह भी आरोप लगाया गया कि रात में पुलिस उपाधीक्षक ने शव को अस्पताल से चुपचाप शिफ्ट करने की कोशिश की और सीताराम की बुआ से गाली-गलौज की। महिलाओं के विरोध के चलते पुलिस शव को नहीं ले जा सकी। परिजनों और समाज के नेताओं ने पुलिस उपाधीक्षक को तत्काल निलंबित कर हटाने की मांग की है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने कस्बे में 10 थानों का अतिरिक्त पुलिस जाब्ता तैनात किया है। हर संवेदनशील क्षेत्र में पुलिस की गश्त जारी है। अभी तक 16 नामजद और 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
केवट कहार समाज के प्रदेशाध्यक्ष हरिनंद कहार ने कहा कि सीताराम निर्धन परिवार से था, उसके पिता नहीं हैं और बुजुर्ग मां ही परिवार की देखरेख कर रही हैं। परिवार पूरी तरह सीताराम पर निर्भर था। उन्होंने मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी, मामले की एसआईटी जांच और फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की मांग रखी। उन्होंने डीएसपी पर अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाते हुए निलंबन की मांग की।
इधर तनाव को देखते हुए जल विहार का बेवाण कार्यक्रम स्थगित। जहाजपुर में आज 10 माह बाद भगवान पितांबर राय जी के जल विहार कार्यक्रम के तहत बेवाण को निजधाम मंदिर ले जाने की योजना थी। यह बेवाण पिछले 10 महीनों से कल्याण राय जी मंदिर में रखा हुआ है। 14 सितम्बर 2024 को जल झूलनी एकादशी के दिन जब बेवाण को जामा मस्जिद मार्ग से ले जाया जा रहा था, तब उस पर पत्थरबाजी की घटना हुई थी। इसके बाद समग्र हिंदू समाज की मांगों के तहत बेवाण को मंदिर में ही रोक दिया गया था। बेवाण संघर्ष समिति व पुलिस के मध्य वार्ता के बाद तीन दिन पूर्व बेवाण को समारोह पूर्वक शनिवार को ले जाया जाना तय था। शुक्रवार को वारदात होने से अब इसे स्थगित कर दिया गया है।
प्रशासन लगातार लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है। उच्च अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और वार्ताओं का दौर जारी है। फिलहाल कस्बा तनावपूर्ण शांति के बीच छावनी में तब्दील है, और हर पल हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
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(Udaipur Kiran) / मूलचंद
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