नैनीताल, 17 अप्रैल . हाई कोर्ट ने भू-कानून के प्रवधानों एवं जमींदारी विनाश अधिनियम के नियमों और उसके उप-विनियमों को चुनौती देनी वाली याचिका पर सुनवाई के बाद प्रशासन की ओर से भूमि खरीद में नियमों के उल्लंघन से संबंधित छह नोटिसों पर रोक लगाते हुए सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिया. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 3 जून की तिथि नियत की है.
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. मामले के अनुसार देहरादून निवासी क्षितिज शर्मा सहित ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर प्रशासन की ओर से जारी नोटिस को चुनौती देते हुए कहा था कि वह उत्तराखंड के मूल निवासी है और कमाई के लिए अन्य राज्य में कार्य कर रहे हैं. याचिका में कहा कि उन्होंने नैनीताल जिले के रामगढ़ क्षेत्र के सतबूंगा में भूमि खरीदी थी. याचिका में कहा कि उनपर जमींदारी विनाश अधिनियम के कई प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं जबकि वे उत्तराखंड के मूल निवासी है और अपने व्यवसाय के लिए प्रदेश से बाहर गए थे. याचिका में कहा कि सरकार ने उत्तराखंड में खरीदी गई जमीन की सेल डीड को अवैध बताते हुए उन्हें नोटिस जारी किए हैं, जो गलत हैं. याचिकाकर्ता की ओर से प्रिंसीपल सेक्रेटी डिपार्टमेंट आफ रेवेन्यू अपर नाथनपुर देहरादून, डीएम नैनीताल, एडीएम नैनीताल, जिला लेवल डवलपमेंट अथॉरिटी नैनीताल को पक्षकार बनाया गया है.
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/ लता
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