सतना, 12 अप्रैल . मध्य प्रदेश के सतना जिले में जसो थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रीछुल में शनिवार दोपहर सड़क निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे में डूबने से तीन बहनों की मौत हो गईं. बच्चियां फिसलकर पानी में जा गिरीं. जब तक ग्रामीण उन्हें बचा पाते, तब तक देर हो चुकी थी. पुलिस से ठेकेदार मान सिंह तोमर के खिलाफ लापरवाही से मौत का केस दर्ज किया है.
पुलिस के अनुसार, ग्राम रीछुल में सड़क निर्माण के लिए महीने पहले गड्ढा खोदा गया था. यहां शनिवार दोपहर में राजकुमार चौरसिया की बेटियां तान्या (8) और 5 साल की जुड़वां बहनें जान्हवी और गौरी घर के पास खेल रही थीं. खेलते-खेलते गड्ढे तक पहुंच गईं और उसमें गिर गईं. गड्ढा बारिश के पानी से पूरी तरह भर चुका था, जिसके चलते तीनों की डूबने से मौत हो गई.
एक ही परिवार की तीन बच्चियों की मौत से गांव में मातम का माहौल है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यह मौतें प्रशासन की लापरवाही और ठेकेदार की गैरजिम्मेदारी का नतीजा हैं. यह गड्ढा निर्माणाधीन नागौद-सलेहा बाईपास के लिए ठेकेदार मान सिंह तोमर ने तीन महीने पहले खुदवाया था. गांव वालों का कहना है कि ठेकेदार ने गड्ढा खोदकर ऐसे ही छोड़ दिया था, न तो कोई चेतावनी बोर्ड लगाया और न ही आसपास कोई सुरक्षा व्यवस्था की गई. सरपंच संध्या उपाध्याय ने बताया कि मिट्टी खोदने के लिए ठेकेदार ने पंचायत से कोई अनुमति नही ली गई. वहीं ठेकेदार का कहना है कि शासन से उसे अनुमति मिली है.
परिजनों ने बताया कि राजकुमार चौरसिया की दो जुड़वां बेटियों सहित बड़ी बेटी आम तोड़ने के लिए तालाब की ओर गई थी. तालाब के पास ही अवैध खनन के कारण गड्ढ़ा हो चुका है, जिसमें काफी जलभराव है. बताया जा रहा है कि आम तोड़ने के दौरान एक बच्ची गड्ढे में गिरी. उसे बचाने के लिए दो और बहनें उसमें उतरीं, लेकिन तीनों डूब गईं. तीन बच्चियों की मौत से नाराज परिजन और ग्रामीण ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर रात तक अड़े रहे. उन्होंने कहा कि कार्रवाई नहीं होने तक पोस्टमॉर्टम के लिए शव नहीं ले जाने देंगे. मौके पर एसडीएम जितेंद्र वर्मा समेत एडिशनल एसपी, टीआई, तहसीलदार मौजूद थे.
प्रशासन के आश्वासन के बाद पुलिस ने मौके पर ही आरोपियों के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज की. इसके बाद परिजन माने. रात 9.30 बजे तीनों शवों को नागौद के सिविल अस्पताल लाया गया. रविवार को पोस्टमॉर्टम होगा. एसडीएम ने बताया कि जांच की जाएगी, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन की तरफ से पीड़ित परिवार को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी.
तोमर
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