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'मातृछाया' कार्यक्रम का महानिदेशक परिवार कल्याण ने किया शुभारम्भ

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बहराइच, बलरामपुर व हरदोई के एक-एक सीएचसी पर चलेगा पायलट प्रोजेक्ट

लखनऊ, 18 अगस्त (हि.स.)। स्वास्थ्य विभाग मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के हरसम्भव प्रयास में जुटा है। इसी के तहत ‘मातृछाया’ कार्यक्रम की एक अनूठी पहल की गयी है। इस पहल की शुरुआत सोमवार को महानिदेशक परिवार कल्याण डॉ. दिनेश कुमार ने एक स्थानीय होटल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान की।

इस मौके पर डॉ. दिनेश कुमार ने कहा कि इस पहल के तहत प्रयोग के तौर पर बहराइच, बलरामपुर और हरदोई के एक-एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का चयन कर प्रसव कक्षों की व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त बनाने के साथ ही उन्हें मानक के अनुरूप हर जरूरी आधुनिक उपकरणों से भी लैस किया जाएगा। स्वास्थ्य कर्मियों के व्यवहार परिवर्तन पर भी पूरा जोर दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) और स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से यह प्रोजेक्ट संचालित किया जाएगा।

एसबीआई फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक/सीईओ संजय प्रकाश ने कहा कि मातृछाया कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं को गुणवत्तापूर्ण बनाने के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों के कौशल विकास पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा। नवजात की देखभाल की भी व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने एसबीआई के सूत्र वाक्य ‘जीवनम्’ के बारे में बताया और कहा कि हम स्वास्थ्य के क्षेत्र में गंभीरता के साथ कार्य कर रहे हैं और हमारा उद्देश्य है कि समाज के आखिरी व्यक्ति तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुँच सकें। इसके लिए बच्चों को क्लबफुट की बीमारी से निजात दिलाकर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश की जा रही है । इसके साथ ही हृदय रोगों, किडनी, लीवर, कैंसर समेत स्वास्थ्य के विभिन्न मुद्दों पर काम कर रहे हैं। एसबीआई के डीजीएम डॉ. धीरज कुमार ने कहा कि एसबीआई बैंक भी सामाजिक सरोकारों के ऊपर संवेदित है और एसबीआई फाउंडेशन के साथ मिलकर बेहतर कार्य कर रहे हैं ।

पीएसआई इंडिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर मुकेश शर्मा और डायरेक्टर प्रोग्राम हितेश साहनी ने इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पहले चरण में स्वास्थ्य विभाग की मदद से इन तीनों जिलों के एक-एक सीएचसी का चयन किया जाएगा। इसके बाद वहां के प्रसव स्थल व प्रसव कक्ष की व्यवस्थाओं को मानक के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण बनाया जाएगा। इसके साथ ही प्रसव बिस्तरों, नवजात शिशु देखभाल क्षेत्र, नर्सिंग स्टेशन और सही तरीके से हाथ धुलने की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाएगा।

अपर निदेशक प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) डॉ. शारदा चौधरी ने कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर खास ध्यान देने से बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। समुदाय स्तर पर अभी कार्य करने की और जरूरत है। इसके साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों के प्रशिक्षण पर भी जोर देना है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम की उप महाप्रबन्धक डॉ. शमिता प्रधान ने मातृ-शिशु मृत्यु अनुपात में कमी लाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गयीं जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान आदि के बारे में विस्तार से बताया। इसके साथ ही इससे आये बदलावों पर भी प्रकाश डाला।

कार्यक्रम का संचालन पीएसआई इंडिया की शुभ्रा त्रिवेदी और धन्यवाद ज्ञापन पीएसआई इंडिया के डिप्टी डायरेक्टर समरेन्द्र बेहरा ने किया । इस मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबंधक परिवार नियोजन कार्यक्रम डॉ. सुर्यांशु ओझा, बहराइच के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय कुमार सिंह, उप महाप्रबंधक क्वालिटी डॉ. कमल मिश्रा, उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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