भारत के 2011 विश्व कप विजेता कोच गैरी कर्स्टन ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि 2011 विश्व कप के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे युवराज सिंह को उस टूर्नामेंट के लिए टीम में चुने जाने का भरोसा नहीं था। 2010 युवराज के लिए एक साधारण साल था, लेकिन उनका चयन उनकी किस्मत में था। उन पर भरोसा किया गया और अगले साल विश्व कप के लिए उनका चयन हुआ। उन्होंने भारत को खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई। युवराज ने टूर्नामेंट में 362 रन बनाए और 15 विकेट भी लिए। एमएस धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया ने टूर्नामेंट के फाइनल में श्रीलंका को छह विकेट से हराकर 28 साल बाद विश्व कप जीता।
कर्स्टन ने Rediff.com से कहा, 'शुक्र है कि हमने उन्हें चुना क्योंकि वह बाहर होने के बहुत करीब थे। उनका चयन बहुत देर से हुआ। चयनकर्ताओं के बीच 15 खिलाड़ियों को लेकर काफी चर्चा हुई थी।' कर्स्टन ने खुलासा किया कि वह और तत्कालीन भारतीय कप्तान धोनी, दोनों ही इस ऑलराउंडर को टीम में रखना चाहते थे।
पूर्व भारतीय कोच ने कहा, "धोनी की तरह, मैं भी उन्हें टीम में बनाए रखने के लिए उत्सुक था क्योंकि वह टीम में काफ़ी अनुभव लेकर आए थे। और देखिए, उनका विश्व कप कितना शानदार रहा!" उन्होंने कहा, "मुझे युवराज हमेशा से पसंद थे। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध थे। कभी-कभी वह मुझे बहुत चिढ़ाते थे, लेकिन मुझे वह बहुत पसंद थे। वह एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं। मैं चाहता हूँ कि वह रन बनाते रहें क्योंकि जब मैं उन्हें बल्लेबाज़ी करते देखता हूँ, तो देखना अद्भुत होता है।" कर्स्टन ने यह भी कहा कि भारत की मानसिक स्थिति और सामरिक नेतृत्व कोच पैडी अप्टन ने भी युवराज को उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तक पहुँचने में मदद की। उन्होंने कहा, "लेकिन यह एक ऐसा सफ़र था जो जारी रहना ही था। इसका श्रेय पैडी (अप्टन) को जाता है। पैडी ने युवी को उस विश्व कप के लिए तैयार करने में बहुत मेहनत की थी। युवी ने खुद को विश्व कप के लिए तैयार करने के लिए कुछ अहम फ़ैसले लिए।"
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