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वीडियो में देखें क्या है कुलधरा के भूतों की सच्चाई? तथ्यों के साथ यहां जानें सही जानकारी

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राजस्थान के जैसलमेर ज़िले में बसा कुलधरा गांव सिर्फ एक ऐतिहासिक स्थल नहीं, बल्कि रहस्यमय और डरावनी कहानियों का केंद्र है। सदियों पुराना यह गांव आज वीरान है, लेकिन इसकी चुप्पी में एक अनकही दास्तान छुपी है। कहा जाता है कि यहां भूतों का वास है, और जो भी रात में यहां रुकने की कोशिश करता है, वह दोबारा कभी नज़र नहीं आता। लेकिन क्या ये बातें सच्चाई पर आधारित हैं या सिर्फ एक डरावनी किंवदंती हैं? हाल ही में सामने आए एक वीडियो ने इस रहस्य से पर्दा हटाने की कोशिश की है।

कुलधरा गांव – इतिहास की झलक

कुलधरा को 13वीं शताब्दी में पालीवाल ब्राह्मणों ने बसाया था। यह कभी एक समृद्ध और व्यवस्थित गांव हुआ करता था। कहा जाता है कि यहां करीब 84 गांवों का नेटवर्क था, जो आपस में जुड़े हुए थे। लेकिन एक रात, अचानक पूरा कुलधरा गांव अपने लोगों सहित वीरान हो गया। न कोई संघर्ष, न कोई युद्ध, न खून-खराबा—फिर भी गांव के सभी लोग एक ही रात में गायब हो गए।

रहस्य क्या है? और डर क्यों है?

लोककथाओं के अनुसार, जैसलमेर के तत्कालीन दीवान की बुरी नजर गांव की एक ब्राह्मण कन्या पर थी। जब उसने लड़की से विवाह के लिए दबाव बनाया, तो गांववालों ने अपनी आन-बान की रक्षा करते हुए गांव खाली कर दिया और जाते-जाते श्राप दे गए कि "यहां कोई दोबारा बस नहीं पाएगा।" तब से आज तक यह गांव खाली है। लोगों का दावा है कि रात के समय यहां अजीब आवाजें आती हैं—घुंघरुओं की छन-छन, किसी के चलने की आहट, और कभी-कभी किसी के रोने की भी।

वीडियो में सामने आई सच्चाई

हाल ही में एक यूट्यूब चैनल ने कुलधरा पर एक 3 मिनट का वीडियो अपलोड किया, जिसमें ड्रोन फुटेज, ऑन-साइट विजिट और लोकल गाइड्स के बयान शामिल हैं।
वीडियो में दिखाई गई खास बातें:

  • गांव के घर आज भी जस के तस बने हैं, लेकिन सबके दरवाजे और छतें गायब हैं

  • कुछ कैमरा शॉट्स में धुंधली आकृतियाँ नज़र आती हैं

  • EMF मीटर (spirit detector) कुछ जगहों पर तेज़ सिग्नल दिखाता है

  • एक रात बिताने वाले दल ने अनुभव किया कि उनके कैमरे अपने आप बंद हो गए

क्या ये सिर्फ डर है या वाकई कुछ है?

इतिहासकारों का मानना है कि यह सामूहिक पलायन सामाजिक कारणों से हुआ था, न कि अलौकिक घटनाओं से। लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो यह जगह आज भी शांत नहीं है। यह गांव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अंतर्गत संरक्षित है, और यहां रात बिताने की अनुमति नहीं है।

निष्कर्ष

कुलधरा गांव भले ही अब सिर्फ पत्थरों और खंडहरों का ढेर हो, लेकिन इसकी रहस्यमयी कहानियाँ आज भी लोगों के रोंगटे खड़े कर देती हैं। वीडियो में जो कुछ दिखाया गया है, वह इस बात का संकेत है कि कुछ तो है जो आंखों से नहीं, लेकिन दिल से महसूस होता है।

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