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दीपावली पर भगवान कुबेर को ऐसे करें प्रसन्न, हर नुकसान की होगी भरपाई आएंगे सुनहरे दिन, वीडियो में देखें पूजा मुहूर्त

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ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन धनतेरस का पर्व बहुत ही खास माना जाता है जो कि हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है इस दिन आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा अर्चना की जाती है

मान्यता है कि धन्वंतरि जी की पूजा करने से सभी तरह की रोग बीमारियां दूर हो जाती हैं इसके अलावा कुबेर और माता लक्ष्मी की भी पूजा इस दिन की जाती है ऐसा करने से सुख समृद्धि घर आती है धनतेरस के दिन को खरीदारी के लिए खास माना जाता है इस दिन चीजों की खरीदारी करने से धन में वृद्धि होती है

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इस साल धनतेरस का त्योहार 29 अक्टूबर दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। धनतेरस पर भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा कर कुबेर आरती जरूर पढ़ें माना जाता है कि ऐसा करने से धन के देवता प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और आर्थिक परेशानियों को दूर कर देते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान कुबेर की आरती। 

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॥ आरती श्री कुबेर जी की ॥
 
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे।

शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे॥

ॐ जै यक्ष कुबेर हरे...॥

शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े।

दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े॥
 
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे...॥


 
स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे।

 
योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं॥
 
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
 
गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे।
 
दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करें॥
 
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
 
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने, स्वामी व्यंजन बहुत बने।
 
मोहन भोग लगावैं, साथ में उड़द चने॥
 
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
 
बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े
 
अपने भक्त जनों के, सारे काम संवारे॥
 
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
 
मुकुट मणी की शोभा, मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले।
 
अगर कपूर की बाती, घी की जोत जले॥
 
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
 
यक्ष कुबेर जी की आरती, जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे।
 
कहत प्रेमपाल स्वामी, मनवांछित फल पावे॥
 
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
 
॥ इति श्री कुबेर आरती ॥
 
कुबेर देव के मंत्र
 
1- 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥'
2- 'ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥'
3- 'ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥'

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