- जयपुर के साथ दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, अहमदाबाद, चेन्नई, इंदौर व संभलपुर में भी छापे
- देश भर में 15 ठिकानों पर हुई बुधवार को मारे छापे
- प्रवर्तन निदेशालय की रायपुर शाखा के अधिकारी कर रहे कार्रवाई का नेतृत्व
- महादेव बेटिंग ऐप के माध्यम से अवैध रूप से खिलाया जाता था ऑनलाइन सट्टा
- 40 हजार करोड़ का बताया जा रहा है घपला
- देर रात जयपुर में छापेमारी समाप्त, दस्तावेज व उपकरण जब्त
- विमल कोठारी -
जयपुर। महादेव बेटिंग एप के माध्यम से देश में अवैध रूप से खेले जाने वाले ऑनलाइन सट्टा कारोबारियों पर प्रवर्तन निदेशालय ने फिर शिकंजा कसा है। प्रवर्तन निदेशालय की छत्तीसगढ़ की रायपुर शाखा से आए अधिकारियों ने बुधवार को सोडाला के रामनगर स्थित एप्पल रेजीडेंसी के फ्लैट संख्या 305 में सुबह करीब 8 बजे छापेमारी की कार्रवाई शुरू की। यह फ्लैट भरत दाधीच का निवास स्थान बताया जा रहा है, जो ड्राई फ्रूट कारोबार से भी जुड़ा है। जयपुर के अलावा ईडी अधिकारियों ने दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, अहमदाबाद, चेन्नई, इंदौर व संभलपुर में भी इस ऐप के माध्यम से कथित रूप से कार्य करने वालों के करीब 15 ठिकानों पर छापेमारी की। बताया जाता है कि आज की छापेमारी कार्रवाई में प्रसिद्ध ऑनलाइन ट्रेवल कम्पनी ईज माय ट्रिप के संस्थापक निशांत पिट्टी के कार्यालय पर भी कार्रवाई हुई। जयपुर में हो रही कार्रवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने फ्लैट का दरवाजा बंद कर लिया और किसी भी ना तो अंदर से बाहर और ना ही बाहर से अंदर आने की अनुमति दी। ईडी की इस कार्रवाई की गोपनीयता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि करीब 30 फ्लैट्स की इस बिल्डिंग के अधिकतर निवासियों को छापेमारी का अंदाजा भी नहीं लग पाया। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज देर रात जयपुर में समाप्त हुई छापेमारी में अधिकारियों ने भरत दाधीच के बयान लिए, उसके बैंक खातों का विवरण व स्टेटमेंट जुटाए तथा कुछ दस्तावेज व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया गया, जिनका विस्तृत विश्लेषण व जांच की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि महादेव बैटिंग ऐप का उपयोग करने वाला कोई भी पोकर्स, चांस गेम, कार्ड गेम, क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल आदि पर ऑनलाइन दांव लगा सकता है। प्रवर्तन निदेशालय की इस मामले में अब तक हुई जांच में पता लगा है कि महादेव ऑनलाइन बुक नामक कम्पनी के इस ऑनलाइन बैटिंग ऐप को 30 कॉल सेंटर के माध्यम से देश के कई शहरों से संचालित किया जाता रहा है और हजारों की संख्या में लोगों को ऑनलाइन सट्टे की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ऐप संचालन कम्पनी के संस्थापक छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी सौरभ चंद्राकर और उनके एक कथित मित्र रवि उप्पल के द्वारा दुबई से किया जाता है। इस ऐप के माध्यम से 40 हजार करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े का अनुमान लगाया जा रहा है। केन्द्रीय जांच ब्यूरो-सीबीआई ने इस मामले में 4 मार्च 2024 को एक प्राथमिकी भी दर्ज की और 21 लोगों को आरोपी बताया। इस ऐप का उपयोग करने वालों पर ऑनलाइन सट्टे के भुगतान में हवाला से लेनदेन, मनी लॉड्रिंग, फर्जी बैंक खातों से धन का लेनदेन, क्रिप्टो करेंसी व शैल कम्पनियों का उपयोग आदि के आरोप हैं। सट्टेबाजी के इस खेल में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश पटेल के अलावा अन्य राजनेताओं, पुलिस और अफसरों पर भी गंभीर आरोप लगे चुके हैं। सीबीआई की ओर से दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ही प्रवर्तन निदेशालय धन शोधन निवारण अधिनियम-पीएमएलए कानून में कार्रवाई कर रहा है। गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में पूर्व में भी जयपुर के मानसरोवर क्षेत्र में कुछ लोगों पर कार्रवाई कर चुका है, जिसमें लग्जरी कारें तक जब्त की गई थी।
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