इंटरनेट डेस्क। भारतीय शास्त्रों में एकादशी व्रत का खास महत्व बताया गया है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। ऐसे में आज अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि हैं और आज पापांकुशा एकादशी हैं। भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित इस एकादशी व्रत को अत्यंत विशेष और दुर्लभ बताया गया है, क्योंकि इसके समान पुण्य प्रदान करने वाला कोई दूसरा व्रत नहीं है।
क्या हैं मान्यता
धार्मिकगंर्थों के अनुसार मान्यता है कि जो भी भक्त श्रद्धा और नियम से इस व्रत का पालन करता है, उसे यमलोक में मिलने वाली कठोर यातनाओं का सामना नहीं करना पड़ता। इतना ही नहीं, यह व्रत मनुष्य के जीवन में किए गए समस्त पापों का क्षय कर देता है और उसे एक ही बार में मुक्ति का मार्ग दिखा देता है। इस दिन भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है।
क्या करें
आज के दिन आपको इस व्रत के दौरान भक्तों को विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। नियम के अनुसार, रात में भगवान की मूर्ति के समीप शयन करना भी शुभ माना जाता है। द्वादशी तिथि की सुबह ब्राह्मणों को अन्न और दक्षिणा दान करने के बाद ही व्रत का समापन किया जाता है।
एकादशी व्रत पूजा- विधि
स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। इस दिन व्रत भी रखें, भगवान की आरती करें और भगवान को भोग लगाएं।
pc- d.bhaskar
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