इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल में नए जिलों की घोषणा की थी और नए जिले बन भी गए थे। ऐसे में सरकार पलट गई और भाजपा की सरकार बन गई। इसके बाद नए जिलों को कम करने के लिए सरकार ने कदम उठाए और भाजपा सरकार द्वारा एक कमेटी बना दी गई। अब गठित मंत्रियों की कमेटी ने नए जिलों की समीक्षा लगभग पूरी कर ली है, यह कमेटी उपचुनावों के बाद सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
क्या हैं रिपोर्ट में
मीडिया रिपोटर्स की माने तो रिव्यू कमेटी ने के कार्यकाल में बने छोटे जिलों को समाप्त करने की सिफारिश की है, कमेटी के मंत्रियों ने संकेत दिया है कि पूर्व आईएएस ललित के पंवार की रिपोर्ट के आधार पर जिलों की समीक्षा की गई है जनसंख्या और क्षेत्रफल अधिक वाले जिले, जहां लोगों की सुविधा के लिए जिला होना आवश्यक है, उन्हें बरकरार रखने की सिफारिश होगी। बता दें कि राजस्थान में गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए छोटे जिलों जैसे दूदू, सांचौर, गंगापुर सिटी, शाहपुरा और केकड़ी को मर्ज किया जा सकता है।
कमेटी ने अंतिम सिफारिशें कि तैयार
राजस्थान में जिलों के पुनर्गठन पर कमेटी की अंतिम सिफारिशें तैयार हो गई हैं। पूर्व आईएएस पंवार कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मंत्रियों की कमेटी ने अपनी सिफारिशें तैयार की हैं। बता दें कि राजस्थान में पहले से ही 19 नए जिले और 3 नए संभाग बनाए जा चुके हैं, जिससे राज्य में जिलों की संख्या 50 हो गई है।
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