आक, जिसे वैज्ञानिक रूप से Calotropis Gigantea के नाम से जाना जाता है, आयुर्वेद में इसके औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। इसके फूल और पत्ते त्वचा की समस्याओं जैसे झुर्रियां, खुजली और रैशेज़ के उपचार में सहायक माने जाते हैं। आक के अंदर मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल तत्व त्वचा को साफ करने और झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं। यही वजह है कि यह कई आयुर्वेदिक नुस्खों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
माइग्रेन और सिरदर्द के लिए प्राकृतिक उपाय माइग्रेन और सिरदर्द में प्रभावशाली प्राकृतिक राहत
जो लोग माइग्रेन और बार-बार सिरदर्द से परेशान हैं, उनके लिए आक का फूल एक प्राकृतिक उपचार हो सकता है। पारंपरिक चिकित्सा में इसे चूर्ण बनाकर सूंघने या तेल में पकाकर सिर पर लगाने की सलाह दी जाती है। आक के फूलों में मौजूद यौगिक मस्तिष्क की नसों को शांत करने में मदद करते हैं, जिससे माइग्रेन के लक्षणों में राहत मिलती है।
त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए सुरक्षित विकल्प त्वचा संबंधी रोगों के लिए सुरक्षित विकल्प
आक के फूल और पत्ते खुजली, एक्ज़िमा, दाद और अन्य फंगल इन्फेक्शन के लिए भी प्रभावी माने जाते हैं। आक के पत्तों से बने लेप को त्वचा पर लगाने से सूजन, जलन और खुजली में राहत मिलती है। यह पौधा स्किन एलर्जी के मामलों में एक प्राकृतिक उपाय के रूप में उभरा है, जिसे आधुनिक क्रीम या स्टेरॉयड्स के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।
बवासीर और अन्य गंभीर बीमारियों में सहायक बवासीर और अन्य गंभीर बीमारियों में भी सहायक
आक के फूलों और इसके दूध (latex) का उपयोग बवासीर, जोड़ों के दर्द, दांत दर्द और सर्दी-जुकाम जैसे संक्रमणों में भी किया जाता है। इसके औषधीय गुणों का लाभ उठाने के लिए इसे विशेष तरीके से पकाकर या गर्म करके लगाया जाता है। हालांकि, इसे विशेषज्ञ की सलाह से ही उपयोग करना चाहिए, क्योंकि आक का पौधा हल्का विषैला हो सकता है और इसकी गलत मात्रा नुकसान पहुंचा सकती है।
You may also like
उम्र बढ़ाने के लिए दुनिया का यह है सबसे अच्छा फल इसके बारे में आप भी जरूर जाने
कम पानी पीने वाले हो जाएं सावधान, वरना हो सकती है किडनी की ये बीमारी. जानिए कितना करना चाहिए पानी का सेवन ☉
पति की इस कमी की वजह से दामाद संग भागी सास, खुद पुलिस के सामने बताई वजह
अवैध खनन के खिलाफ सरकार उठाएगी सख्त कदम
बेहद ही काम की चीज है हरी इलायची, रोज इसे खाने से दूर हो जाते हैं ये घातक रोग ☉