प्रयागराज को मिलेगी जाम से मुक्ति! शास्त्री पुल के पास गंगा पर बनेगा नया 4-लेन पुल, 850 करोड़ का प्रोजेक्ट
News India Live,Digital Desk:प्रयागराज: प्रयागराज वालों के लिए अच्छी खबर है! शहर में एक नया फोर-लेन पुल बनने जा रहा है। यह पुल गंगा नदी पर बनेगा और मौजूदा शास्त्री पुल के ठीक बगल (समानांतर) में होगा। यह पुल दशाश्वमेध घाट को झूंसी से जोड़ेगा और इसकी कुल लंबाई करीब 2300 मीटर (यानी 2.3 किलोमीटर) होगी।
कितना खर्चा आएगा?
इस बड़े पुल को बनाने में करीब 850 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्चा आने का अनुमान है। इसका पूरा प्लान (प्रस्ताव) तैयार हो चुका है और जल्द ही इसे मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा।
कब शुरू होगा काम?
सब कुछ ठीक रहा तो पुल बनाने का काम इसी साल अक्टूबर-नवंबर में शुरू हो सकता है। इसे पूरा करने का लक्ष्य चार साल रखा गया है। पुल बनाने की जिम्मेदारी सेतु निगम को दी गई है।
क्यों जरूरी है यह पुल?
अभी जो शास्त्री पुल है, उस पर गाड़ियों का बहुत ज्यादा बोझ रहता है। रोजाना 50 से 60 हजार गाड़ियां वहां से गुजरती हैं, जिस वजह से अक्सर जाम लग जाता है और सड़क भी बार-बार टूट जाती है। खासकर महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों के समय तो यहां घंटों लंबा जाम लग जाता है, जिससे लोगों को बहुत परेशानी होती है।
नए पुल से क्या फायदा होगा?
यह नया पुल बनने से न सिर्फ प्रयागराज शहर में लगने वाले जाम से बड़ी राहत मिलेगी, बल्कि यह पुल प्रयागराज को वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़ और गोरखपुर जैसे शहरों से और बेहतर तरीके से जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाएगा। लोगों का सफर तेज और सुरक्षित हो जाएगा।
ट्रैफिक का दबाव होगा कम
नए पुल के बनने से ट्रैफिक का दबाव काफी कम हो जाएगा। हालांकि पुल बनने में चार साल लगेंगे, लेकिन यह भविष्य में, खासकर महाकुंभ 2025 के बाद, ट्रैफिक को संभालने में बहुत मददगार साबित होगा।
सर्विस लेन भी बनेगी
मुख्य पुल के निर्माण कार्य को आसान बनाने के लिए एक सर्विस लेन (सहायक सड़क) बनाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। यह सर्विस लेन मलाक हरहर से पुल तक जाएगी और करीब 4 किलोमीटर लंबी होगी। खास बात यह है कि इसे बनाने में डेढ़ लाख टन राख (NTPC पावर प्लांट से निकली हुई) का इस्तेमाल मिट्टी और पत्थर के साथ मिलाकर किया जाएगा।
राख से बनेगी सड़क
इस काम के लिए सिंगला कंपनी ने NTPC से समझौता कर लिया है। राख की सप्लाई मई के दूसरे हफ्ते से शुरू हो जाएगी। मिट्टी और पत्थर के साथ राख मिलाकर यह सर्विस लेन करीब छह महीने में बनकर तैयार हो जाएगी।
कब शुरू होगा सर्विस लेन का काम?
कंपनी की योजना है कि 10 मई से सर्विस लेन बनाने का काम शुरू कर दिया जाए और इसे अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाए। इस लेन के बनने से पुल निर्माण का सामान लाने-ले जाने में आसानी होगी और मुख्य पुल का काम तेजी से हो सकेगा। इस सर्विस लेन से महाकुंभ 2025 से पहले भी ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
पहले भी हुआ है राख का इस्तेमाल
ऐसा पहली बार नहीं है कि सड़क बनाने में राख का इस्तेमाल हो रहा है। इससे पहले महाकुंभ के लिए जो स्टील का ब्रिज बना था, उसकी सड़क बनाने में भी राख का इस्तेमाल किया गया था, और वह काफी सफल रहा था। इसीलिए इस बार भी यही तरीका अपनाया जा रहा है। इससे लागत भी कम आती है और निर्माण भी मजबूत होता है।
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