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Shantiniketan to Dholavira : 2025 में भारत के 5 नए ऐतिहासिक स्थल जहां आपको जरूर जाना चाहिए

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News India Live, Digital Desk: Shantiniketan to Dholavira : भारत, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है. हर साल यहाँ नए ऐतिहासिक स्थल और स्थल खोजे या पुनर्जीवित किए जाते हैं, जो यात्रियों के लिए एक नया अनुभव लेकर आते हैं. अगर आप इतिहास प्रेमी हैं या भारतीय संस्कृति को करीब से जानना चाहते हैं, तो 2025 में ये पाँच नए हेरिटेज स्थान आपकी ट्रैवल लिस्ट में ज़रूर होने चाहिए. ये जगहें न केवल देखने में खूबसूरत हैं, बल्कि इनसे जुड़े किस्से और इतिहास आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे.1. शांतिनिकेतन, पश्चिम बंगाल (Shantiniketan, West Bengal): रविंद्रनाथ टैगोर की धरोहरहाल ही में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल शांतिनिकेतन, नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्व-भारती विश्वविद्यालय के लिए जाना जाता है. यह सिर्फ एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि एक कलात्मक और सांस्कृतिक केंद्र है. यहां की वास्तुकला, म्यूजियम, कला दीर्घाएं और प्रकृति से जुड़ा शांत वातावरण आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाएगा. 2025 में यहाँ की यात्रा आपको टैगोर की शिक्षा और कला दर्शन को समझने का अनूठा अवसर देगी.2. होयसल के पवित्र समूह, कर्नाटक (Sacred Ensembles of Hoysala, Karnataka): अद्भुत मंदिर वास्तुकलाकर्नाटक में स्थित होयसल के मंदिर, जैसे कि बेलूर में चेन्नाकेश्व मंदिर, हलेबिड में होयसलेश्वर मंदिर, और सोमनाथपुर में केशव मंदिर, यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हुए हैं. 12वीं-13वीं शताब्दी में होयसल राजवंश द्वारा निर्मित ये मंदिर अपनी बारीक नक्काशी, जटिल शिल्पकला और अद्वितीय 'स्टार-शेप्ड' प्लेटफॉर्म के लिए प्रसिद्ध हैं. इन मंदिरों की दीवारों पर पौराणिक कथाएं, देवी-देवताओं और सामान्य जीवन के दृश्य इतनी बारीकी से उकेरे गए हैं कि उन्हें देखकर आप दंग रह जाएंगे. यह जगह आपको भारतीय स्थापत्य कला की श्रेष्ठता का अनुभव कराती है.3. हड़प्पा शहर, धोलावीरा, गुजरात (Harappan City, Dholavira, Gujarat): सिंधु घाटी सभ्यता का प्रवेश द्वारगुजरात के कच्छ में स्थित धोलावीरा, सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण शहरों में से एक है. यह शहर अपने अद्वितीय जल संरक्षण प्रणाली, उन्नत शहरी नियोजन और विशाल संरचनाओं के लिए जाना जाता है. यह भारत का 40वां यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है. यहां आकर आप 4500 साल पुरानी सभ्यता के अवशेषों को देख सकते हैं, जो आपको प्राचीन भारतीय इतिहास के सुनहरे दौर की झलक देंगे. यह उन लोगों के लिए बेहतरीन जगह है, जिन्हें पुरातत्व और प्राचीन इतिहास में दिलचस्पी है.4. जयपुर शहर (जयपुर की चारदीवारी), राजस्थान (Walled City of Jaipur, Rajasthan): गुलाबी शहर का भव्य इतिहासराजस्थान की राजधानी जयपुर, जिसे 'गुलाबी शहर' के नाम से जाना जाता है, अपनी चारदीवारी वाले ऐतिहासिक शहर के लिए यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त कर चुका है. यहां के हवा महल, सिटी पैलेस, जंतर मंतर और भव्य किले आपको शाही इतिहास की झलक देते हैं. रंगीन बाजार, पारंपरिक हस्तकला और स्थानीय व्यंजन इस जगह को और भी खास बनाते हैं. जयपुर की यात्रा आपको शाही अनुभव और भारतीय संस्कृति की जीवंतता का एहसास कराती है.5. काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर, तेलंगाना (Kakatiya Rudreswara (Ramappa) Temple, Telangana): एक अद्भुत शिल्पकला का उदाहरणतेलंगाना के पालमपेट गांव में स्थित रामप्पा मंदिर, जिसे काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, एक शानदार शिव मंदिर है. यह भी यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल है. यह मंदिर अपनी अद्भुत 'फ्लोटिंग ब्रिक्स' (तैरने वाली ईंटों) और विस्तृत नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें एक ही नाम के शिल्पकार, रामप्पा, ने इसे बनाया था. मंदिर के पत्थरों पर जटिल मूर्तिकला और खंभों पर रामायण, महाभारत के दृश्य उकेरे गए हैं. यह उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है जो भारतीय शिल्प कौशल और वास्तुकला की बारीकियों को समझना चाहते हैं.ये नए हेरिटेज स्थान न केवल आपकी यात्रा को यादगार बनाएंगे, बल्कि आपको भारत के समृद्ध अतीत और उसकी विविध संस्कृतियों से भी रूबरू कराएंगे.
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