वॉशिंगटन: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक स्थगित किए जाने के बाद अमेरिका ने रूस के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। बधुवार 22 अक्टूबर को अमेरिका ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की ताकि मॉस्को पर तत्काल युद्धविराम के लिए सहमत होने को लेकर दबाव बनाया जा सके। इसके एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने पुतिन के साथ अपनी संभावित बैठक को रद्द करने की पुष्टि की और कहा कि वह बेकार की बैठक नहीं करना चाहते। इसके पहले पुतिन ने तत्काल युद्धविराम की ट्रंप की मांग को खारिज कर दिया था। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने नए प्रतिबंधों के बारे में जानकारी दी है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बेसेंट ने कहा, 'अब समय आ गया है कि हत्याएं रोकी जाएं और तत्काल युद्धविराम किया जाए। राष्ट्रपति पुतिन के इस निरर्थक युद्ध को समाप्त करने से इनकार करने के मद्देनजर वित्त मंत्रालय रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगा रहा है, जो क्रेमलिन की युद्ध मशीन को वित्तपोषित करती है।' इसमें आगे कहा गया कि 'राष्ट्रपति ट्रंप के एक और युद्ध को समाप्त करने के प्रयास का समर्थन करने के लिए अगर आवश्यक हुआ तो वित्त मंत्रालय आगे की कार्रवाई करने के लिए तैयार है। हम अपने सहयोगियों को प्रोत्साहित करते हैं कि वे हमारे साथ जुड़ें और इन प्रतिबंधों का पालन करें।'
ट्रंप ने प्रतिबंधों को लेकर क्या कहा?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ताजा कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने उम्मीद है कि ये प्रतिबंध थोड़ी समय के लिए रहेंगे। समाचार एजेंसी AFP ने ट्रंप के हवाले से कहा, 'ये बहुत कड़े प्रतिबंध हैं और हमें उम्मीद है कि ये लंबे समय तक नहीं रहेंगे। हमें उम्मीद है कि युद्ध सुलझ जाएगा।' अपने दूसरे कार्यकाल में पद संभालने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। लेकिन प्रयासों के बावजूद अभी तक कोई महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल नहीं हुई है।
ट्रंप ने आगे कहा, 'जब भी मैं ब्लादिमीर से बात करता हूं, अच्छी बातचीत होती है और फिर वे किसी नतीजे पर नहीं पहुंचतीं।' वहीं अमेरिकी वित्त मंत्री ने ताजा ने ताजा कार्रवाई को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह सेकंडरी टैरिफ नहीं, बल्कि प्रतिबंध हैं। फॉक्स बिजनेस के साथ बात करते हुए बेसेंट ने बताया कि यह कार्रवाई रूसी संघ के विरुद्ध हमारे द्वारा लगाए गए सबसे बड़े प्रतिबंधों में से एक होगी। उन्होंने आगे कहा, ये प्रतिबंध हैं, सेकंडरी टैरिफ नहीं। हालांकि, उन्होंने प्रतिबंधों के बारे में अधिक विस्तार से नहीं बताया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बेसेंट ने कहा, 'अब समय आ गया है कि हत्याएं रोकी जाएं और तत्काल युद्धविराम किया जाए। राष्ट्रपति पुतिन के इस निरर्थक युद्ध को समाप्त करने से इनकार करने के मद्देनजर वित्त मंत्रालय रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगा रहा है, जो क्रेमलिन की युद्ध मशीन को वित्तपोषित करती है।' इसमें आगे कहा गया कि 'राष्ट्रपति ट्रंप के एक और युद्ध को समाप्त करने के प्रयास का समर्थन करने के लिए अगर आवश्यक हुआ तो वित्त मंत्रालय आगे की कार्रवाई करने के लिए तैयार है। हम अपने सहयोगियों को प्रोत्साहित करते हैं कि वे हमारे साथ जुड़ें और इन प्रतिबंधों का पालन करें।'
ट्रंप ने प्रतिबंधों को लेकर क्या कहा?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ताजा कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने उम्मीद है कि ये प्रतिबंध थोड़ी समय के लिए रहेंगे। समाचार एजेंसी AFP ने ट्रंप के हवाले से कहा, 'ये बहुत कड़े प्रतिबंध हैं और हमें उम्मीद है कि ये लंबे समय तक नहीं रहेंगे। हमें उम्मीद है कि युद्ध सुलझ जाएगा।' अपने दूसरे कार्यकाल में पद संभालने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। लेकिन प्रयासों के बावजूद अभी तक कोई महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल नहीं हुई है।
ट्रंप ने आगे कहा, 'जब भी मैं ब्लादिमीर से बात करता हूं, अच्छी बातचीत होती है और फिर वे किसी नतीजे पर नहीं पहुंचतीं।' वहीं अमेरिकी वित्त मंत्री ने ताजा ने ताजा कार्रवाई को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह सेकंडरी टैरिफ नहीं, बल्कि प्रतिबंध हैं। फॉक्स बिजनेस के साथ बात करते हुए बेसेंट ने बताया कि यह कार्रवाई रूसी संघ के विरुद्ध हमारे द्वारा लगाए गए सबसे बड़े प्रतिबंधों में से एक होगी। उन्होंने आगे कहा, ये प्रतिबंध हैं, सेकंडरी टैरिफ नहीं। हालांकि, उन्होंने प्रतिबंधों के बारे में अधिक विस्तार से नहीं बताया।
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