सुनने में यह थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन एक देश में लोग बाघ, तेंदुए समेत जंगली जानवरों को पकाकर खा रहे हैं। इन लोगों का सनकीपन इतना ज्यादा बढ़ गया है कि यहां से जंगली जानवर खासतौर से बाघ खत्म होने की कगार पर पहुंच गए हैं। जंगली जानवरों के अंगों की तस्करी के साथ यहां बड़े चाव से उनका मांस खाया जा रहा है।
यह देश कोई और नहीं बल्कि किम जोंग उन का देश नॉर्थ कोरिया है। एक सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि यहां के लोग मांस खाने के लिए अंधाधुंध बाघ, तेंदुए, भालू समेत कई जंगली जानवरों को मार रहे हैं। यही नहीं उनके अंगों की भी ब्लैक मार्केट में जमकर तस्करी की जा रही है और इस काम में सरकार भी साथ दे रही है।
भूख मिटाने को कर रहे शिकार?ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन और नॉर्वे के वैज्ञानिकों ने यह स्टडी की है। इसके मुताबिक नॉर्थ कोरिया में खाने की इतनी कमी हो गई है कि लोगों ने जंगली जानवरों को मारकर खाना शुरू कर दिया है। घर चलाने और पेट पालने के लिए यहां के लोग जंगली जानवरों का शिकार करने में लगे हुए हैं। नॉर्थ कोरिया में साइबेरियन टाइगर, अमूर लैपर्ड, भालू, हिरण और बकरी जैसे दिखने वाला लॉन्ग टेल गोरल भी शामिल है। यह हालत तब है जब इनमें से कई जानवर तो लुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। साइबिरयाई बाघ की संख्या पूरी दुनिया में 600 से कम बची है।
दवाओं के लिए भी हो रही तस्करीभूख मिटाने के अलावा नॉर्थ कोरिया के लोग जंगली जानवरों से पैसा भी कमा रहे हैं। वे ब्लैक मार्केट में इनके मांस और अंगों को बेच रहे हैं। चीन समेत कुछ देशों में बाघ के अंगों का इस्तेमाल पारंपरिक दवाओं में किया जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक नॉर्थ कोरिया में लगभग जितने भी स्तनधारी वन्यजीव हैं, उन पर शिकार का खतरा मंडरा रहा है। यहां तक जिन वन्यजीवों पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है, उनकी भी चीन में तस्करी हो रही है। वैज्ञानिकों के लिए जानकारी जुटाना आसान नहीं था,लेकिन उन्होंने नॉर्थ कोरिया से भागे 42 लोगों का इंटरव्यू किया। इसके बाद यह चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
अकाल पड़ा तो खाने के लिए शुरू किया शिकारनॉर्थ कोरिया में 1990 के दशक में अकाल पड़ा था। इसके बाद यहां खाने की कमी होने लगी तो लोगों ने जंगली जानवरों को ही मारना शुरू कर दिया। अकाल तो खत्म हो गया, लेकिन लोगों की आदत नहीं बदली और वो आज तक खाने के लिए शिकार कर रहे हैं।
यह देश कोई और नहीं बल्कि किम जोंग उन का देश नॉर्थ कोरिया है। एक सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि यहां के लोग मांस खाने के लिए अंधाधुंध बाघ, तेंदुए, भालू समेत कई जंगली जानवरों को मार रहे हैं। यही नहीं उनके अंगों की भी ब्लैक मार्केट में जमकर तस्करी की जा रही है और इस काम में सरकार भी साथ दे रही है।
भूख मिटाने को कर रहे शिकार?ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन और नॉर्वे के वैज्ञानिकों ने यह स्टडी की है। इसके मुताबिक नॉर्थ कोरिया में खाने की इतनी कमी हो गई है कि लोगों ने जंगली जानवरों को मारकर खाना शुरू कर दिया है। घर चलाने और पेट पालने के लिए यहां के लोग जंगली जानवरों का शिकार करने में लगे हुए हैं। नॉर्थ कोरिया में साइबेरियन टाइगर, अमूर लैपर्ड, भालू, हिरण और बकरी जैसे दिखने वाला लॉन्ग टेल गोरल भी शामिल है। यह हालत तब है जब इनमें से कई जानवर तो लुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। साइबिरयाई बाघ की संख्या पूरी दुनिया में 600 से कम बची है।
दवाओं के लिए भी हो रही तस्करीभूख मिटाने के अलावा नॉर्थ कोरिया के लोग जंगली जानवरों से पैसा भी कमा रहे हैं। वे ब्लैक मार्केट में इनके मांस और अंगों को बेच रहे हैं। चीन समेत कुछ देशों में बाघ के अंगों का इस्तेमाल पारंपरिक दवाओं में किया जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक नॉर्थ कोरिया में लगभग जितने भी स्तनधारी वन्यजीव हैं, उन पर शिकार का खतरा मंडरा रहा है। यहां तक जिन वन्यजीवों पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है, उनकी भी चीन में तस्करी हो रही है। वैज्ञानिकों के लिए जानकारी जुटाना आसान नहीं था,लेकिन उन्होंने नॉर्थ कोरिया से भागे 42 लोगों का इंटरव्यू किया। इसके बाद यह चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
अकाल पड़ा तो खाने के लिए शुरू किया शिकारनॉर्थ कोरिया में 1990 के दशक में अकाल पड़ा था। इसके बाद यहां खाने की कमी होने लगी तो लोगों ने जंगली जानवरों को ही मारना शुरू कर दिया। अकाल तो खत्म हो गया, लेकिन लोगों की आदत नहीं बदली और वो आज तक खाने के लिए शिकार कर रहे हैं।
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