नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को दुनिया के कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इससे पूरी दुनिया में उथलपुथल मच गई थी। आखिरकार ट्रंप सरकार ने 90 दिन के लिए इसमें राहत दे दी। लेकिन टैरिफ के लागू होने से पहले ही अमेरिका के खजाने पर इसका असर दिखने लगा है। अप्रैल में ट्रेजरी विभाग का बजट सरप्लस 258 अरब डॉलर रहा जो साल 2021 के बाद सबसे ज्यादा है। इस दौरान सरकार को रेवेन्यू के रूप में 850 अरब डॉलर मिले जबकि सरकार का खर्च 592 अरब डॉलर रहा।अमेरिकी सरकार के रेवेन्यू में तेजी की वजह रहा इंडिविजुअल टैक्स पेमेंट। अप्रैल में इस मद में सरकार को 460 अरब डॉलर मिले जो पिछले साल के समान महीने की तुलना में 16 फीसदी अधिक है। इसी तरह ट्रेजरी विभाग को कस्टम ड्यूटी के रूप में रेकॉर्ड 16 अरब डॉलर मिले जो पिछले साल के मुकाबले 9 अरब डॉलर अधिक है। फाइनेंशियल ईयर 2025 के पहले सात महीनों में अमेरिका का बजट घाटा 194 अरब डॉलर बढ़कर 1.05 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गया है। यह अमेरिका के इतिहास में तीसरा सबसे बड़ा घाटा है। मंदी की आशंकाअमेरिका की इकॉनमी अभी मंदी को झेलने की स्थिति में नहीं है। मंदी के दौरान अमेरिका का बजट घाटा औसतन जीडीपी का 4 फीसदी रहा है। अगर इस साल मंदी आती है तो अमेरिका के खजाने पर 1.3 ट्रिलियन डॉलर की चोट लग सकती है। इसकी वजह यह है कि अगर मंदी आती है तो लॉन्ग टर्म इंटरेस्ट रेट नीचे गिर सकते हैं। अगल इंटरेस्ट रेट में 2 परसेंटेज पॉइंट की गिरावट आती है तो अमेरिका को सालाना ब्याज भुगतान में 568 अरब डॉलर की बचत होगी।
You may also like
सनी देओल की शर्मीली प्रकृति ने शूटिंग को बनाया चुनौतीपूर्ण
कांग्रेस के विशेष सत्र की मांग का उदित राज ने किया समर्थन
'टूरिस्ट फैमिली' के निर्देशक को नहीं मिली अपनी ही फिल्म की टिकट, अभिशन जीविंथ ने सुनाया किस्सा
कोलकाता में भाजपा विधायक दल ने बैठक कर प्रधानमंत्री को दी बधाई
'कराटे किड : लीजेंड्स' का ट्रेलर जारी, अजय देवगन और युग की है खास भूमिका