जयपुर: स्कूल-कॉलेज के नए सेशन शुरू होने के साथ ही बोर्ड एग्जाम और अन्य परीक्षाओं के रिजल्ट का इंतजार भी स्टूडेंट्स को तेजी से होने लगा है। बोर्ड परीक्षाओं में कम अंक आना या उम्मीद से कम रिजल्ट मिलना अक्सर स्टूडेंट्स को निराश कर देता है। उनके लिए महाराष्ट्र के सिन्नर गांव के रोहित उगले की कहानी प्रेरणादायक उदाहरण हैं। उगले ने 10वीं में उम्मीद से कम अंक आने पर भी उन्होंने हार नहीं मानी। डिजिटल मार्केटिंग में महारत हासिल कर 16 साल की उम्र में कंपनी शुरू की। आज उनकी कंपनी 100 से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रही है। उन्हें सोनू सूद से बेस्ट IT स्टार्टअप का पुरस्कार भी मिल चुका है। रोहित उगले की कहानी उन छात्रों के लिए एक सबक है जो सोचते हैं कि जीवन में सफलता सिर्फ अंकों पर निर्भर करती है। जानिए कैसे हुए प्रेरित दरअसल, रोहित उगले 10वीं कक्षा में 78% अंक आए जबकि उनके माता-पिता 90% की उम्मीद कर रहे थे। इस तनाव ने रोहित को एक नई दिशा दी और उन्होंने सोच लिया कि वह साबित करके रहेंगे कि जीवन में सफलता केवल अंकों पर निर्भर नहीं करती। साल 2017 में केवल 16 वर्ष की आयु में रोहित ने अपनी एक कंपनी बनाई जो आज 100 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रही है। आज वह आईटी और सॉफ्टवेयर, स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा उत्पाद, इवेंट मैनेजमेंट और ब्रांड प्रमोशन के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। साथ ही युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं। राजस्थान यूनिवर्सिटी से किया BBA रोहित उगले वैसे तो मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। प्रारंभिक शिक्षा येवला के SND इंग्लिश मीडियम स्कूल में हुई। उन्होंने अपनी 10वीं की बोर्ड परीक्षा सिन्नर के नवजीवन डे स्कूल से उत्तीर्ण की। इसके बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी के कॉमर्स कॉलेज से बीबीए की डिग्री हासिल की।
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