Next Story
Newszop

IELTS और TOEFL में क्या अंतर है, दोनों में बेस्ट टेस्ट कौन सा है? 6 प्वाइंट्स में जानें जवाब

Send Push
IELTS vs TOEFL: आज के दौर में हायर एजुकेशन हासिल करना जरूरी हो चुका है। बिना किसी डिग्री के कोई कंपनी जॉब देने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि भारतीय छात्र देश से ही नहीं, बल्कि विदेश से भी हायर एजुकेशन हासिल कर रहे हैं। हालांकि, विदेश में पढ़ाई के लिए अंग्रेजी आना जरूरी है। अंग्रेजी में छात्र की पकड़ को परखने के लिए दुनियाभर में दो प्रमुख टेस्ट करवाए जाते हैं, जिसमें एक IELTS और दूसरा TOEFL है। आइए जानते हैं कि दोनों के बीच क्या अंतर है और आपको कौन सा टेस्ट चुनना चाहिए।
IELTS टेस्ट क्या है? image

'इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम' (IELTS) दुनियाभर में बड़े पैमाने पर स्वीकार किया जाने वाला अंग्रेजी भाषा का टेस्ट है। IELTS टेस्ट सिर्फ विदेश में पढ़ाई के लिए ही नहीं दिया जाता है, बल्कि नौकरी और दूसरे देशों में जाने के लिए टेस्ट स्कोर का यूज होता है। IELTS को दुनियाभर के 12,000 से ज्यादा संस्थान स्वीकार करते हैं। ये टेस्ट देखता है कि कोई व्यक्ति, जिसकी पहली भाषा अंग्रेजी नहीं है, वो अंग्रेजी को कितनी अच्छी तरह से बोल, लिख और समझ सकता है। इस टेस्ट में चार स्किल्स को परखा जाता है, जिसमें अंग्रेजी सुनना, पढ़ना, लिखना और बोलना शामिल हैं। एक बार जब कोई परीक्षा दे देता है, तो उसका रिजल्ट दो साल तक मान्य रहता है। IELTS में पास होना मुश्किल है, लेकिन सही तरीके से तैयारी करके इसे पास किया जा सकता है। (Freepik)


TOEFL टेस्ट क्या है? image

'टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज ए फॉरेन लैंग्वेज' (TOEFL) अंग्रेजी की सबसे बड़ी परीक्षा है, जो यूनिवर्सिटी में पढ़ाई, नौकरी और दूसरे देश में जाने के लिए जरूरी है। TOEFL को 160 से ज्यादा देशों की 13,000 से ज्यादा यूनिवर्सिटी स्वीकार करती हैं। TOEFL iBT टेस्ट बच्चों को ये दिखाने में मदद करता है कि उन्हें अंग्रेजी कितनी अच्छी आती है और वो पढ़ाई के लिए कितने तैयार हैं। ये टेस्ट देखता है कि बच्चे क्लास में अंग्रेजी का इस्तेमाल कैसे करते हैं। इससे यूनिवर्सिटी को ये पता चलता है कि बच्चा पढ़ाई के लिए तैयार है या नहीं। इस परीक्षा में चार सेक्शन होते हैं, जिसमें अंग्रेजी पढ़ना, सुनना, बोलना और लिखना शामिल हैं। इसमें ऐसे काम होते हैं जिनमें इन चारों चीजों का इस्तेमाल होता है। (Freepik)


टेस्ट कितने समय का होता है? image

IELTS टेस्ट के लिए 2 घंटे 45 मिनट का समय मिलता है, जबकि TOEFL के लिए सिर्फ 2 घंटे का वक्त होता है। IELTS का पढ़ने वाला सेक्शन 60 मिनट का होता है, जबकि TOEFL का 35 मिनट का। सुनने का सेक्शन IELTS का 30 मिनट का होता है, जबकि TOEFL का 36 मिनट का। इसी तरह से IELTS के लिखने के सेक्शन में 60 मिनट मिलते हैं, जबकि TOEFL में ये सिर्फ 29 मिनट ही होता है। स्पीकिंग यानी बोलने वाले सेक्शन में IELTS में 11 से 14 मिनट का समय होता है, जबकि TOEFL में ये सेक्शन 16 मिनट का है। (Freepik)


IELTS और TOEFL में बड़ा अंतर क्या है? image

रीडिंग (पढ़ने), लिसनिंग (सुनने) और राइटिंग (लिखने) सेक्शन दोनों परीक्षाओं में लगभग एक जैसे होते हैं। लेकिन सबसे बड़ा अंतर स्पीकिंग (बोलने) सेक्शन में होता है। TOEFL के स्पीकिंग सेक्शन में, बच्चे माइक्रोफोन में बोलते हैं। इससे एक कंप्यूटर और कुछ लोग मिलकर ये देखते हैं कि बच्चे ने कैसा बोला है। इससे ये पता चलता है कि किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं हुआ है। IELTS में, बच्चे एक कमरे में एक एग्जामिनर के सामने बैठकर बात करते हैं। इससे भेदभाव की गुंजाइश बनी रहती है। (Freepik)


सवाल कैसे होते हैं और स्कोरिंग सिस्टम कैसा है? image

TOEFL दुनिया का सबसे छोटा और सबसे ज्यादा स्वीकार किया जाने वाला इंग्लिश का टेस्ट है। इसमें ज्यादातर मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन होते हैं। वहीं, IELTS में अलग-अलग तरह के सवाल होते हैं। अगर स्कोरिंग सिस्टम की बात करें तो TOEFL में, बच्चों को हर सेक्शन में 0 से 30 के बीच नंबर मिलते हैं। इन सभी नंबरों को मिलाकर टोटल स्कोर 0 से 120 के बीच होता है। TOEFL जल्दी स्कोर रिपोर्ट भी देता है, जो 6-10 दिनों में मिल जाती है। इसके अलावा, टेस्ट देने वालों को रीडिंग और लिसनिंग सेक्शन के स्कोर टेस्ट खत्म होने के तुरंत बाद मिल जाते हैं। इसके उलट IELTS में, हर सेक्शन (रीडिंग, राइटिंग, लिसनिंग और स्पीकिंग) में 1 से 9 के बीच स्कोर होता है। ओवरऑल बैंड स्कोर इन सभी स्कोर का एवरेज होता है, जिसे 0.5 के करीब राउंड किया जाता है। (Freepik)


किस टेस्ट को चुनना चाहिए? image

अंग्रेजी की परीक्षा के लिए किस टेस्ट को चुनना है, ये इस बात पर निर्भर करता है कि यूनिवर्सिटी को कौन सा टेस्ट चाहिए। आमतौर पर यूनिवर्सिटीज और कई देशों में दोनों ही टेस्ट स्कोर को स्वीकार किया जाता है। हालांकि, आप एडमिशन से पहले ये जरूर चेक करें कि किस यूनिवर्सिटी को IELTS और किसको TOEFL चाहिए। इसके अलावा टेस्ट चुनना उसके फॉर्मेट और आपकी पसंद पर भी निर्भर करता है। IELTS और TOEFL दोनों में एक एग्जामिनर के साथ फेस-टू-फेस स्पीकिंग टेस्ट होता है। कुछ लोगों को ये ज्यादा आसान और आरामदायक मालूम पड़ता है। अलग-अलग तरह के सवालों का जवाब देना पसंद करने वाले लोगों के लिए IELTS बेस्ट है। TOEFL में कंप्यूटर पर स्पीकिंग टेस्ट होता है, जिसमें बच्चे माइक्रोफोन में बोलते हैं। ये उन बच्चों के लिए बेहतर हो सकता है जो कंप्यूटर पर काम करने में सहज हैं। TOEFL के कामों में अक्सर कई स्किल्स का इस्तेमाल होता है, जो उन बच्चों के लिए फायदेमंद हो सकता है जो लिसनिंग, रीडिंग और राइटिंग स्किल्स को मिलाकर अच्छा प्रदर्शन करते हैं। (Freepik)

Loving Newspoint? Download the app now