नई दिल्ली: दिल्ली में इलेक्ट्रिक वीकल ( EV ) मालिकों के लिए अच्छी खबर है। सरकार दिसंबर से करीब 26,800 ई-वीकल मालिकों की बकाया सब्सिडी राशि जारी करेगी। परिवहन विभाग पर इन वाहन मालिकों की लगभग 42.5 करोड़ रुपये की सब्सिडी बकाया है। ई-वाहन नीति को अगले साल तक बढ़ाने के बाद भी लंबे समय से इन मालिकों को सब्सिडी जारी नहीं की जा रही थी। अधिकारियों का कहना है कि अब सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है और जल्द ही अंतिम मंजूरी के लिए फाइल सरकार के पास भेजी जाएगी।
तीन साल पहले की गई थी लागूएक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दिल्ली की पहली EV पॉलिसी वर्ष 2020 में तीन साल के लिए लागू की गई थी। अगस्त 2023 में यह नीति खत्म हो गई। इसके बाद नई नीति पर काम शुरू हुआ, लेकिन मौजूदा नीति के विस्तार में देरी होती रही। इसी कारण इस अवधि में खरीदे गए ई-वीकल्स की सब्सिडी विभाग के पास अटक गई। बीच-बीच में नीति को अस्थायी विस्तार मिलता रहा।
10 महीनों में 26862 सब्सिडी आवेदनहालांकि, मौजूदा सरकार ने नई ईवी नीति पर काम करने के साथ-साथ बकाया सब्सिडी जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक, पिछले 10 महीनों में कुल 26,862 सब्सिडी आवेदन प्राप्त हुए हैं। सभी डुप्लिकेट फॉर्म हटाकर वाहन मालिकों की अंतिम सूची तैयार कर ली गई है। इसे जल्द ही परिवहन मंत्री पंकज सिंह के माध्यम से कैबिनेट में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। मंजूरी मिलते ही सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से जारी किया जाएगा।
डिजिटलाइज करने की भी योजनाअधिकारियों ने बताया कि सरकार सब्सिडी प्रणाली को डिजिटलाइज करने की भी योजना बना रही है, जिसे राष्ट्रीय वाहन पोर्टल के साथ एकीकृत किया जाएगा ताकि भविष्य में देरी और मैनुअल गलतियों से बचा जा सके। साथ ही, परिवहन विभाग ने एक तकनीकी समिति गठित की है, जो आगामी ईवी नीति के तहत सब्सिडी के पात्र वाहनों का मूल्यांकन और अनुमोदन करेगी। यह समिति गाड़ियों के निर्माण, प्रदर्शन मानक, बैटरी क्षमता, रेंज और ऊर्जा दक्षता जैसे पहलुओं का आंकलन करेगी।
1.50 लाख रुपये तक की सब्सिडीदिल्ली सरकार की ईवी नीति देश की सबसे महत्वाकांक्षी नीतियों में से एक मानी जाती है। इसके तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया गाड़ियों पर अधिकतम 30,000 रुपये और चारपहिया गाड़ियों पर अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि (सब्सिडी) दी जाती है। साथ ही, रजिस्ट्रेशन शुल्क और रोड टैक्स में भी छूट दी गई थी।
तीन साल पहले की गई थी लागूएक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दिल्ली की पहली EV पॉलिसी वर्ष 2020 में तीन साल के लिए लागू की गई थी। अगस्त 2023 में यह नीति खत्म हो गई। इसके बाद नई नीति पर काम शुरू हुआ, लेकिन मौजूदा नीति के विस्तार में देरी होती रही। इसी कारण इस अवधि में खरीदे गए ई-वीकल्स की सब्सिडी विभाग के पास अटक गई। बीच-बीच में नीति को अस्थायी विस्तार मिलता रहा।
10 महीनों में 26862 सब्सिडी आवेदनहालांकि, मौजूदा सरकार ने नई ईवी नीति पर काम करने के साथ-साथ बकाया सब्सिडी जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक, पिछले 10 महीनों में कुल 26,862 सब्सिडी आवेदन प्राप्त हुए हैं। सभी डुप्लिकेट फॉर्म हटाकर वाहन मालिकों की अंतिम सूची तैयार कर ली गई है। इसे जल्द ही परिवहन मंत्री पंकज सिंह के माध्यम से कैबिनेट में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। मंजूरी मिलते ही सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से जारी किया जाएगा।
डिजिटलाइज करने की भी योजनाअधिकारियों ने बताया कि सरकार सब्सिडी प्रणाली को डिजिटलाइज करने की भी योजना बना रही है, जिसे राष्ट्रीय वाहन पोर्टल के साथ एकीकृत किया जाएगा ताकि भविष्य में देरी और मैनुअल गलतियों से बचा जा सके। साथ ही, परिवहन विभाग ने एक तकनीकी समिति गठित की है, जो आगामी ईवी नीति के तहत सब्सिडी के पात्र वाहनों का मूल्यांकन और अनुमोदन करेगी। यह समिति गाड़ियों के निर्माण, प्रदर्शन मानक, बैटरी क्षमता, रेंज और ऊर्जा दक्षता जैसे पहलुओं का आंकलन करेगी।
1.50 लाख रुपये तक की सब्सिडीदिल्ली सरकार की ईवी नीति देश की सबसे महत्वाकांक्षी नीतियों में से एक मानी जाती है। इसके तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया गाड़ियों पर अधिकतम 30,000 रुपये और चारपहिया गाड़ियों पर अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि (सब्सिडी) दी जाती है। साथ ही, रजिस्ट्रेशन शुल्क और रोड टैक्स में भी छूट दी गई थी।
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