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Fact Check: अरुणाचल प्रदेश पर चीन का हक जताने वाला दावा निकला पुराना, जानिए कैसे पता चली सच्चाई

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नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर एक टैंपलेट वायरल हो रहा है, जिस पर लिखा है कि चीन के विदेश मंत्रालय का बयान है कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है मुझे नाम बदलने का पूरा हक है। इस पोस्ट को शेयर करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वक़्फ़ बिल पारित करके सरकार ने चीन से बदला ले लिया है। हालांकि जब सजग की टीम ने वायरल पोस्ट की पड़ताल की तो पता चला कि वायरल टैंपलेट पुराना है। क्या है यूजर्स का दावा?एक्स पर @Murli_Sir नाम के यूजर ने बोलता हिंदुस्तान के लोगो वाला एक टैंपलेट शेयर करते हुए लिखा,' कोई बात नहीं वक्फ बिल पारित करके सरकार ने चीन से बदला ले लिया है जितना चीन ने कब्जा किया है उतना सरकार वक्फ बोर्ड से वसूल रही है,बात बराबर हो गई।'वहीं एक अन्य यूजर @azizkavish ने भी इस फोटो को शेयर करते हुए सेम ही दावा किया। क्या है वायरल दावे का सच?सजग के टीम ने वायरल हो रहे पोस्ट का फैक्ट चेक किया तो पता चला कि चीन के मंत्रालय के बयान वाली ये पोस्ट पुरानी है। सबसे पहले सजग की टीम ने वायरल तस्वीर को गूगल लेंस से चेक किया। जिसके बाद कई हमारी टीम को कई एक्स पोस्ट मिले।हालांकि इन सभी पोस्ट में एक पोस्ट ऐसा भी मिला जो साल 2023 का था। बोलता हिंदुस्तान के एक्स हैंडल पर ये तस्वीर साल 2023 में पोस्ट की गई थी।इस पोस्ट के मिलने के बाद ये तो साफ हो गया कि वायरल तस्वीर और चीन का बयान दोनों ही पुराना है। जब इस बयान को गूगल पर खोजा गया तो The Hindu की रिपोर्ट मिली। जिसमें बताया गया कि चीन ने अप्रैल 2023 में अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नामों का चीनी, तिब्बती और रोमन अक्षरों में मानकीकरण किया, यह दावा करते हुए कि यह क्षेत्र प्राचीन काल से उसका हिस्सा रहा है। यह तीसरी बार था जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदलने का प्रयास किया था। image निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बताने का दावा करने वाली तस्वीर पुरानी निकली। वायरल टैंपलेट साल 2023 में शेयर किया गया था। इसे फिर से शेयर किया जा रहा है।
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