नई दिल्ली: गुजरात में भारत की शाही विरासत को समर्पित एक नया नेशनल म्यूजियम बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकता नगर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास 'म्यूजियम ऑफ रॉयल किंगडम्स ऑफ इंडिया' के निर्माण की घोषणा की है। यह 367 करोड़ रुपये की परियोजना भारत के राजसी अतीत और स्वतंत्रता के बाद हुए ऐतिहासिक एकीकरण का जश्न मनाएगी। यह म्यूजियम 5 एकड़ में फैला होगा और इसमें चार थीम वाली गैलरी होंगी।
ये गैलरी भारत के 550 रियासतों की भूमिका को दर्शाएंगी, जिन्होंने देश की राजनीतिक और सांस्कृतिक पहचान को आकार दिया। इसका उद्देश्य सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में हुए एकीकरण की प्रक्रिया को उजागर करना है। पटेल ने 1947 के बाद शासकों को भारतीय संघ में शामिल होने के लिए राजी किया था। यह स्वतंत्रता के बाद भारत की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है।
यह संस्थान शाही विरासतों का एक जीवंत भंडार होगा। इसमें विभिन्न राज्यों के शाही वस्त्र, पांडुलिपियां, वस्त्र और कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी। साथ ही, एकता और बलिदान के आदर्शों पर भी जोर दिया जाएगा।
कहां स्थित होगा?यह संग्रहालय स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बगल में बनाया जाएगा। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार पटेल को समर्पित दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। यह संग्रहालय इस स्थल की राष्ट्रीय एकीकरण के स्मारक के रूप में पहचान को और मजबूत करेगा।
ओरिएंटेशन गैलरी: यह गैलरी फिल्मों और मल्टीमीडिया प्रदर्शनों के माध्यम से भारत की शाही परंपराओं से आगंतुकों का परिचय कराएगी।
द थ्रोन एंड द स्टेट गैलरी: यह गैलरी शासन प्रणाली और शाही कल्याण के बारे में जानकारी देगी।
द स्टोरी ऑफ इंडियाज इंटीग्रेशन: यह खंड रियासतों के विलय से जुड़ी घटनाओं और दस्तावेजों को दर्शाएगा।
हॉल ऑफ यूनिटी: इसमें उन सभी राज्यों के प्रतीक चिन्ह और प्रतीक प्रदर्शित किए जाएंगे जो संघ में शामिल हुए थे।
इसके अलावा, एक व्यूइंग डेक से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और नर्मदा नदी के मनोरम दृश्य दिखाई देंगे। संग्रहालय कैफे में पारंपरिक शाही व्यंजन परोसे जाएंगे।
म्यूजियम को कैसे डिजाइन किया जाएगा?संग्रहालय की वास्तुकला भारत के प्राकृतिक और सांस्कृतिक पहलुओं को दर्शाएगी। इसमें शाही बगीचों से प्रेरित आंगन, फव्वारे और जल निकाय शामिल होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप एक समर्पित इंटरैक्टिव लर्निंग गैलरी भी होगी। यह छात्रों और आगंतुकों को डिजिटल इंस्टॉलेशन और अनुभवात्मक सीखने के माध्यम से इतिहास का पता लगाने की अनुमति देगी।
ये गैलरी भारत के 550 रियासतों की भूमिका को दर्शाएंगी, जिन्होंने देश की राजनीतिक और सांस्कृतिक पहचान को आकार दिया। इसका उद्देश्य सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में हुए एकीकरण की प्रक्रिया को उजागर करना है। पटेल ने 1947 के बाद शासकों को भारतीय संघ में शामिल होने के लिए राजी किया था। यह स्वतंत्रता के बाद भारत की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है।
यह संस्थान शाही विरासतों का एक जीवंत भंडार होगा। इसमें विभिन्न राज्यों के शाही वस्त्र, पांडुलिपियां, वस्त्र और कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी। साथ ही, एकता और बलिदान के आदर्शों पर भी जोर दिया जाएगा।
कहां स्थित होगा?यह संग्रहालय स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बगल में बनाया जाएगा। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार पटेल को समर्पित दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। यह संग्रहालय इस स्थल की राष्ट्रीय एकीकरण के स्मारक के रूप में पहचान को और मजबूत करेगा।
ओरिएंटेशन गैलरी: यह गैलरी फिल्मों और मल्टीमीडिया प्रदर्शनों के माध्यम से भारत की शाही परंपराओं से आगंतुकों का परिचय कराएगी।
द थ्रोन एंड द स्टेट गैलरी: यह गैलरी शासन प्रणाली और शाही कल्याण के बारे में जानकारी देगी।
द स्टोरी ऑफ इंडियाज इंटीग्रेशन: यह खंड रियासतों के विलय से जुड़ी घटनाओं और दस्तावेजों को दर्शाएगा।
हॉल ऑफ यूनिटी: इसमें उन सभी राज्यों के प्रतीक चिन्ह और प्रतीक प्रदर्शित किए जाएंगे जो संघ में शामिल हुए थे।
इसके अलावा, एक व्यूइंग डेक से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और नर्मदा नदी के मनोरम दृश्य दिखाई देंगे। संग्रहालय कैफे में पारंपरिक शाही व्यंजन परोसे जाएंगे।
म्यूजियम को कैसे डिजाइन किया जाएगा?संग्रहालय की वास्तुकला भारत के प्राकृतिक और सांस्कृतिक पहलुओं को दर्शाएगी। इसमें शाही बगीचों से प्रेरित आंगन, फव्वारे और जल निकाय शामिल होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप एक समर्पित इंटरैक्टिव लर्निंग गैलरी भी होगी। यह छात्रों और आगंतुकों को डिजिटल इंस्टॉलेशन और अनुभवात्मक सीखने के माध्यम से इतिहास का पता लगाने की अनुमति देगी।
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