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दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज पर राज्यपाल का बड़ा एक्शन, अब प्राचार्य पर होगी विभागीय कार्रवाई, जानिए मामला

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दरभंगा: दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज (DEC) के प्राचार्य डॉ. संदीप तिवारी पर लगे गंभीर वित्तीय अनियमितता के आरोप प्रथम दृष्टया सत्य पाए गए हैं। इस मामले में अब राज्यपाल के आदेश से प्राचार्य के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने को मंजूरी दी गई है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी विभाग ने बिहार सरकारी सेवक वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियमावली 2005 के नियम 17 के अंतर्गत यह कार्रवाई शुरू करने की अनुमति दी है। इससे प्राचार्य के रूप में उनके करियर पर बड़ा असर पड़ सकता है।


प्राचार्य डॉ संदीप पर क्या-क्या लगे हैं आरोप?

विभाग के अपर सचिव सह निदेशक की ओर से पहली अगस्त को भेजे गए पत्र में प्राचार्य को जांच के बाद आरोपों पर अपना पक्ष रखने को कहा गया था। जांच में कॉलेज के विकास फंड की राशि में भारी अनियमितता पायी गई। इसके साथ ही अधिवक्ताओं के चयन के लिए न तो चयन समिति से पैनल बनाया गया और न ही विभाग से अनुमति ली गई। अपने चहेते अधिवक्ताओं को मनमाना भुगतान किया गया, जो रोकड़ बही से प्रमाणित हो गया।

इतना ही नहीं टेंट हाउस के भुगतान में भी गोलमाल किया गया। पप्पू टेंट हाउस को कार्यादेश अलग राशि के लिए दिया गया था, जो बिहार वित्तीय नियमावली की अनदेखी है। इसके अलावा, पप्पू टेंट हाउस का देयक 27,640 रुपये, विश्वकर्मा टेंट हाउस का 33 हजार रुपये और अंशु इंटरप्राइजेज का 44 हजार देना था, लेकिन सारा भुगतान पप्पू टेंट हाउस को कर दिया गया।

आरोप की है कि जब इसकी जांच शुरू की गई तो प्राचार्य ने जांच करने गई टीम को सहयोग नहीं किया और सुरक्षा गार्ड, माली एवं स्वीपर की दैनिक उपस्थिति पंजी भी उपलब्ध नहीं कराई।

विकास मद का दुरुपयोग और डीएम की शिकायत
जांच में विकास मद के भारी दुरुपयोग का भी खुलासा हुआ है। कई चीजें जिनकी कीमत कम थी, उन्हें ज्यादा कीमत पर खरीदा गया। 2.35 लाख का सोफा, 50 हजार का मोबाइल और दो एसी खरीदने के साक्ष्य मिले है। इसमें भी बिहार वित्तीय नियमावली के नियम नौ का उल्लंघन करते हुए अधिक राशि खर्च की गई थी।

श्री ओम सिक्यूरिटी को डबल पेमेंट की गई। एक ही सेवा प्रदाता श्री ओम सिक्यूरिटी को दो अलग-अलग मदों (5,71,101 एवं विकास मद से 3,77,000 रुपये) से भुगतान किया गया, जो राशि के भारी गोलमाल का प्रमाण है।जिलाधिकारी (डीएम) ने भी प्राचार्य के खिलाफ विभाग को शिकायत भेजी थी, जिसमें शिक्षकों और कर्मियों को प्रताड़ित करने और उनके साथ अभद्र व्यवहार करने के गंभीर आरोप थे। एक ही वित्तीय वर्ष में दो बार सोलर स्ट्रीट लाइट पर खर्च भी जांच के घेरे में है।

जांच पर क्या कहना है प्राचार्य का?
आरोपित प्राचार्य डॉ. संदीप तिवारी अपना बचाव जांच संचालन पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर सकेंगे। प्राचार्य डॉ. संदीप तिवारी ने आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'विभाग को मैंने अपना जवाब दे दिया है। विभाग को पूरी तरह से सहयोग कर रहा हूं। मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है, जो गलत हो। सभी कार्यों को नियमानुसार किया गया है।'

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कार्रवाई के बाद प्राचार्य डॉ. तिवारी पर कैसी गाज गिरती है।
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