नागपुर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने आरक्षण पर टिप्पणी करते हुए बड़ा बयान दिया। गडकरी ने कहा कि मैं ब्राह्मण जाति का हूं। भगवान ने हम पर सबसे बड़ा उपकार किया है कि हमें आरक्षण नहीं है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ब्राह्मणों को उतना महत्व नहीं मिलता, जितना उत्तर प्रदेश और बिहार में मिलता है। वहां दुबे, त्रिपाठी, मिश्रा जैसे लोगों का दबदबा है। जैसे महाराष्ट्र में मराठा जाति का महत्व है। वैसे ही उत्तर प्रदेश और बिहार में ब्राह्मणों का है। वे मुझसे कहते हैं, मैं जातिवाद नहीं मानता। लेकिन एक बात महत्वपूर्ण है, कोई भी व्यक्ति अपनी जाति, धर्म, लिंग से नहीं, बल्कि अपने गुणों से महान होता है।
गडकरी ने क्या कहा?
नितिन गडकरी ने कहा कि इस गुण को विकसित करने के लिए समाज में शिक्षित लोग हैं। रिटायर्ड लोग हैं। जिनके बच्चे सुशिक्षित हैं। समाज को शिक्षित करते हुए छोटे बच्चों को समाज की आर्थिक प्रगति के लिए दिशा देनी चाहिए। क्योंकि आज बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। इसलिए समाज के लोग इस क्षेत्र में काम करने लगे हैं। शैक्षिक और आर्थिक प्रगति के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
बच्चों में संस्कार पर क्या कहा?
नितिन गडकरी ने कहा कि अगर समाज को पैसा मिले, शिक्षा मिले, लेकिन समाज के छोटे बच्चों में संस्कार न हों और अगर शराब शुरू हो जाए, तो मैंने खुद देखा है कि समाज कैसे बर्बाद होता है। हमारे समाज की सांस्कृतिक और सामाजिक प्रगति की योजना बनाने की जिम्मेदारी समाज के वरिष्ठ लोगों की है। इससे समाज का सर्वांगीण विकास होगा।
आरक्षण का मुद्दा बहुत गंभीर
नितिन गडकरी ने कहा कि हमने कई मुद्दों पर निरंतर प्रयास किए हैं। खासकर आरक्षण का मुद्दा बहुत गंभीर है। मैंने अपने जीवन के इन 50 सालों में सबसे ज्यादा प्रयास किए हैं। हमारे बीच कई लोग ऐसे हैं जो नौकरी शुरू करने के बाद अब रिटायर हो रहे हैं। वे चेहरे मुझे जाने-पहचाने हैं। वे अक्सर मेरे घर आते थे। कई बैठकें हुईं। कुछ लोग यहां हैं, कुछ चले गए हैं। लेकिन इन सभी मुद्दों पर प्रयास करना हमारे हाथ में है और हमें यह करना ही होगा।
डॉक्टरों, प्रोफ़ेसरों, विद्वानों, सरकारी से अपील
नितिन गडकरी ने अपने भाषण में कहा कि प्रयास करते समय हमें एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि हम कई लोगों की नौकरियां बचा सकते हैं। अगर हमने प्रयास नहीं किए होते तो ज़्यादातर लोगों की नौकरी चली जाती। हम आने वाले समय में भी यह संघर्ष जारी रखेंगे। इस संघर्ष को जारी रखते हुए समाज के विकास के लिए योजना बनाना जरूरी है। डॉक्टरों, प्रोफ़ेसरों, विद्वानों, सरकारी अधिकारियों को इसमें पहल करनी होगी।
गडकरी ने क्या कहा?
नितिन गडकरी ने कहा कि इस गुण को विकसित करने के लिए समाज में शिक्षित लोग हैं। रिटायर्ड लोग हैं। जिनके बच्चे सुशिक्षित हैं। समाज को शिक्षित करते हुए छोटे बच्चों को समाज की आर्थिक प्रगति के लिए दिशा देनी चाहिए। क्योंकि आज बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। इसलिए समाज के लोग इस क्षेत्र में काम करने लगे हैं। शैक्षिक और आर्थिक प्रगति के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
📍𝐍𝐚𝐠𝐩𝐮𝐫 | Addressing Golden Jubilee Celebration of Halba Samaj Mahasangh https://t.co/YSScA68ruQ
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) September 20, 2025
बच्चों में संस्कार पर क्या कहा?
नितिन गडकरी ने कहा कि अगर समाज को पैसा मिले, शिक्षा मिले, लेकिन समाज के छोटे बच्चों में संस्कार न हों और अगर शराब शुरू हो जाए, तो मैंने खुद देखा है कि समाज कैसे बर्बाद होता है। हमारे समाज की सांस्कृतिक और सामाजिक प्रगति की योजना बनाने की जिम्मेदारी समाज के वरिष्ठ लोगों की है। इससे समाज का सर्वांगीण विकास होगा।
आरक्षण का मुद्दा बहुत गंभीर
नितिन गडकरी ने कहा कि हमने कई मुद्दों पर निरंतर प्रयास किए हैं। खासकर आरक्षण का मुद्दा बहुत गंभीर है। मैंने अपने जीवन के इन 50 सालों में सबसे ज्यादा प्रयास किए हैं। हमारे बीच कई लोग ऐसे हैं जो नौकरी शुरू करने के बाद अब रिटायर हो रहे हैं। वे चेहरे मुझे जाने-पहचाने हैं। वे अक्सर मेरे घर आते थे। कई बैठकें हुईं। कुछ लोग यहां हैं, कुछ चले गए हैं। लेकिन इन सभी मुद्दों पर प्रयास करना हमारे हाथ में है और हमें यह करना ही होगा।
डॉक्टरों, प्रोफ़ेसरों, विद्वानों, सरकारी से अपील
नितिन गडकरी ने अपने भाषण में कहा कि प्रयास करते समय हमें एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि हम कई लोगों की नौकरियां बचा सकते हैं। अगर हमने प्रयास नहीं किए होते तो ज़्यादातर लोगों की नौकरी चली जाती। हम आने वाले समय में भी यह संघर्ष जारी रखेंगे। इस संघर्ष को जारी रखते हुए समाज के विकास के लिए योजना बनाना जरूरी है। डॉक्टरों, प्रोफ़ेसरों, विद्वानों, सरकारी अधिकारियों को इसमें पहल करनी होगी।
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