अमरोहा: दिल्ली के लाल किला इलाके में हुए कार विस्फोट में आठ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 24 घायल हैं। मरने वालों की सूची में अमरोहा के दो दोस्तों का नाम भी शामिल है। हसनपुर के लोकेश अग्रवाल और मंगरौला के अशोक कुमार की मौत से पूरे इलाके में शोक की लहर है। लोकेश अपनी समधन को देखने सर गंगाराम अस्पताल जा रहे थे। उन्होंने अशोक को लाल किला मेट्रो स्टेशन पर मिलने के लिए बुलाया था। अशोक डीटीसी में कंडक्टर थे।
हसनपुर के रहरा अड्डा निवासी खाद विक्रेता लोकेश अग्रवाल (58) की समधन शशि अग्रवाल अपने घर में गिर गई थीं। उनके दिमाग की नस फट गई थी। दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज चल रहा है। लोकेश सोमवार को शशि को देखने अमरोहा से दिल्ली गए थे। उन्होंने अपने दोस्त अशोक कुमार को लाल किला मेट्रो स्टेशन बुला लिया था। वहां से दोनों को अस्पताल जाना था, लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था। शाम करीब सात बजे तेज धमाका होने से दोनों दोस्तों की जान चली गई।
घरवाले कर रहे डेडबॉडी आने का इंतजारलोकेश के परिवार में बेटे गौरव, सौरभ और बेटी दिव्या हैं। उनकी पत्नी का निधन कई साल पहले हो गया था। लोकेश और अशोक के घरों पर दिल्ली से शव आने का इंतजार चल रहा है।
10 साल पहले अशोक की डीटीसी में लगी थी नौकरीवहीं, मंगरौला इलाके में रहने वाले अशोक कुमार की 10 साल पहले डीटीसी में नौकरी लगी थी। इससे पहले वह गांव में ही दूध का कारोबार करते थे। सरकारी नौकरी मिलने पर यह काम छोड़कर वह दिल्ली चले गए। वह हाल ही में अपने परिवार के साथ अमरोहा आए थे। उनके चचेरे भाई सोमपाल सिंह गांव के प्रधान हैं। अशोक के परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा हैं। सभी लोग दिल्ली में ही रहते हैं।
हसनपुर के रहरा अड्डा निवासी खाद विक्रेता लोकेश अग्रवाल (58) की समधन शशि अग्रवाल अपने घर में गिर गई थीं। उनके दिमाग की नस फट गई थी। दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज चल रहा है। लोकेश सोमवार को शशि को देखने अमरोहा से दिल्ली गए थे। उन्होंने अपने दोस्त अशोक कुमार को लाल किला मेट्रो स्टेशन बुला लिया था। वहां से दोनों को अस्पताल जाना था, लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था। शाम करीब सात बजे तेज धमाका होने से दोनों दोस्तों की जान चली गई।
घरवाले कर रहे डेडबॉडी आने का इंतजारलोकेश के परिवार में बेटे गौरव, सौरभ और बेटी दिव्या हैं। उनकी पत्नी का निधन कई साल पहले हो गया था। लोकेश और अशोक के घरों पर दिल्ली से शव आने का इंतजार चल रहा है।
10 साल पहले अशोक की डीटीसी में लगी थी नौकरीवहीं, मंगरौला इलाके में रहने वाले अशोक कुमार की 10 साल पहले डीटीसी में नौकरी लगी थी। इससे पहले वह गांव में ही दूध का कारोबार करते थे। सरकारी नौकरी मिलने पर यह काम छोड़कर वह दिल्ली चले गए। वह हाल ही में अपने परिवार के साथ अमरोहा आए थे। उनके चचेरे भाई सोमपाल सिंह गांव के प्रधान हैं। अशोक के परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा हैं। सभी लोग दिल्ली में ही रहते हैं।
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