नई दिल्ली: कारोबार शुरू करने की कोई उम्र नहीं होती। कोई 20 साल से कम उम्र में ही बिजनस शुरू कर देता है तो कोई 50 साल की उम्र में। बिजनस शुरू करने के लिए जरूरत होती है तो हिम्मत और जज्बात की। ऐसा ही कुछ कर दिखाया बिहार के रहने वाले प्रभु रंजन ने। प्रभु रंजन ने 17 साल की उम्र में मशरूम की खेती शुरू की। आज वह 21 साल के हैं। वह सालाना 12000 किलो बटन मशरूम उगाकर लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं।
प्रभु रंजन का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। 10वीं तक आते-आते उन्हें अहसास हुआ कि उन्हें कमाई का कोई स्रोत तलाशना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रभु को लगने लगा था कि हाई एजुकेशन तक जाना और नौकरी पाना उनके बस की बात नहीं है। वह कोई कारोबार करना चाहते थे। लेकिन कारोबार ऐसा हो जिसमें निवेश कम लगे और मुनाफा ज्यादा हो। काफी रिसर्च के बाद उन्होंने मशरूम की खेती करने के बारे में प्लान बनाया। प्रभु अब अंग्रेजी (ऑनर्स) में ग्रेजुएट हैं।
घर से की शुरुआतमशरूम की खेती प्रभु ने घर से शुरू की। वह बताते हैं कि उनके पैरेंट्स और दादा-दादी गेहूं और धान की खेती करते हैं। ऐसे में उन्होंने धान के पुआलऔर गेहूं के भूसे का इस्तेमाल मशरूम की खेती के लिए किया। इससे उनका निवेश कम हो गया।
प्रभु ने घर में बांस का इस्तेमाल करके रैक बनाए और उन्हें भूसे से भर दिया। उन्होंने एक सप्लायर से 5,000 रुपये का स्पॉन खरीदा। इससे उन्होंने नवंबर में 200 बैग बटन मशरूम लगाए। 30 दिन बाद मशरूम देना शुरू कर दिया। दिसंबर में उन्होंने मशरूम निकालना शुरू किया। इस मशरूम को उन्होंने स्थानीय मंडी में बेच दिया। इससे उन्हें 45 हजार रुपये की कमाई हुई।
तीन साल लिया अनुभवप्रभु ने बताया कि उन्होंने तीन साल तक सिर्फ मौसमी तौर पर ही मशरूम उगाए। क्योंकि वह ज्यादा निवेश करने से पहले इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी लेना चाहते थे। उन्होंने पहले 2023 तक पहले तीन वर्षों में सिर्फ 200 बैग रखे। इससे उन्हें प्रति सीजन 50 हजार रुपये की कमाई हुई।
इसके बाद साल 2024 में उन्होंने 18x40 फीट की एयर कंडीशनिंग यूनिट शुरू की। इसमें एक बार में 2500 बैग रखे जा सकते हैं। अब वह दिल्ली से ऑनलाइन स्पॅन मंगवाते हैं। साथ ही वह पाइप विधि का इस्तेमाल करके मशरूम बैग के लिए खाद बनाते हैं। इससे उनका खर्च काफी कम हो जाता है साथ ही यह खाद मशरूम के लिए काफी अच्छी मानी जाती है।
अब कितनी हो रही कमाई?कोल्ड यूनिट की मदद से वह साल में चार बार मशरूम की फसल ले सकते हैं। यह सालाना 12 हजार किलो मशरूम बेचते हैं। इसे बेचकर वह 18 लाख रुपये का कारोबार करते हैं। यानी उनका सालाना रेवेन्यू 18 लाख रुपये हो गया है। सारे खर्चे निकालने के बाद उन्हें सालाना 10 लाख रुपये का प्रॉफिट होता है।
प्रभु रंजन का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। 10वीं तक आते-आते उन्हें अहसास हुआ कि उन्हें कमाई का कोई स्रोत तलाशना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रभु को लगने लगा था कि हाई एजुकेशन तक जाना और नौकरी पाना उनके बस की बात नहीं है। वह कोई कारोबार करना चाहते थे। लेकिन कारोबार ऐसा हो जिसमें निवेश कम लगे और मुनाफा ज्यादा हो। काफी रिसर्च के बाद उन्होंने मशरूम की खेती करने के बारे में प्लान बनाया। प्रभु अब अंग्रेजी (ऑनर्स) में ग्रेजुएट हैं।
घर से की शुरुआतमशरूम की खेती प्रभु ने घर से शुरू की। वह बताते हैं कि उनके पैरेंट्स और दादा-दादी गेहूं और धान की खेती करते हैं। ऐसे में उन्होंने धान के पुआलऔर गेहूं के भूसे का इस्तेमाल मशरूम की खेती के लिए किया। इससे उनका निवेश कम हो गया।
प्रभु ने घर में बांस का इस्तेमाल करके रैक बनाए और उन्हें भूसे से भर दिया। उन्होंने एक सप्लायर से 5,000 रुपये का स्पॉन खरीदा। इससे उन्होंने नवंबर में 200 बैग बटन मशरूम लगाए। 30 दिन बाद मशरूम देना शुरू कर दिया। दिसंबर में उन्होंने मशरूम निकालना शुरू किया। इस मशरूम को उन्होंने स्थानीय मंडी में बेच दिया। इससे उन्हें 45 हजार रुपये की कमाई हुई।
तीन साल लिया अनुभवप्रभु ने बताया कि उन्होंने तीन साल तक सिर्फ मौसमी तौर पर ही मशरूम उगाए। क्योंकि वह ज्यादा निवेश करने से पहले इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी लेना चाहते थे। उन्होंने पहले 2023 तक पहले तीन वर्षों में सिर्फ 200 बैग रखे। इससे उन्हें प्रति सीजन 50 हजार रुपये की कमाई हुई।
इसके बाद साल 2024 में उन्होंने 18x40 फीट की एयर कंडीशनिंग यूनिट शुरू की। इसमें एक बार में 2500 बैग रखे जा सकते हैं। अब वह दिल्ली से ऑनलाइन स्पॅन मंगवाते हैं। साथ ही वह पाइप विधि का इस्तेमाल करके मशरूम बैग के लिए खाद बनाते हैं। इससे उनका खर्च काफी कम हो जाता है साथ ही यह खाद मशरूम के लिए काफी अच्छी मानी जाती है।
अब कितनी हो रही कमाई?कोल्ड यूनिट की मदद से वह साल में चार बार मशरूम की फसल ले सकते हैं। यह सालाना 12 हजार किलो मशरूम बेचते हैं। इसे बेचकर वह 18 लाख रुपये का कारोबार करते हैं। यानी उनका सालाना रेवेन्यू 18 लाख रुपये हो गया है। सारे खर्चे निकालने के बाद उन्हें सालाना 10 लाख रुपये का प्रॉफिट होता है।
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