आगरा: उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा में सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां के शाहगंज क्षेत्र की महिला एक किशोरी को घर से बहलाकर कर ले गई। जहां उसे 30 दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया। उसके साथ दो लोग हर रोज सामूहिक दुष्कर्म करते रहे। किसी तरह उसने अपनी मौसी को फोन पर सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने किशोरी को मुक्त कराया। मगर आरोपी मौके से फरार हो गए हैं। पुलिस तलाश में जुटी है।
थाना शाहगंज के नरीपुरा क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने पुलिस को बताया कि उसकी घर के पास एक महिला किराए पर रहने के लिए आई थी। उसका घर में आना जाना हो गया। एक दिन वह बेटी को सिलाई मशीन दिलवाने के लिए घर से ले गई। मगर कुछ देर बाद उसे वापस ले आई। इसके बाद 13 अगस्त को फिर से घर आई। उस समय माता पिता में कोई भी घर नहीं था।
किशोरी ने पुलिस को बताया कि उसने काफी मना किया, लेकिन महिला ने उसे बातों में उलझा लिया और उसे एक घंटे में लौटने की बात कहकर साथ ले गई। किशोरी ने बताया कि महिला उसे रोहता क्षेत्र में अपने मायके ले गई थी। जहां उसे एक कमरे में बंधक बनाकर रखा गया। उसके साथ महिला के तहेरे भाई संदीप और मनमोहन नाम के दो व्यक्ति रोजाना बारी-बारी से रेप करते थे।
पीड़ित लड़की का आरोप है कि कमरे का दरवाजा केवल खाना देने के वक्त ही खुलता। जो भी खाना देने आता वो रेप करता। फिर ताला बंद करके चला जाता। पुलिस को दी शिकायत में लड़की ने बताया कि यह सिलसिला एक महीने तक चला।
13 सितंबर को पहुंची पुलिस
किशोरी ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी मौसी को फोन करके अपनी सूचना दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और किशोरी को मुक्त कराया। आरोपी उसे कमरे में बंद करके फरार हो गए थे। एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि किशोरी का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम लगी है। जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।
भटकते रहे परिजन
पीड़ित परिवारजन बेटी की तलाश में एक महीने तक भटकते रहे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था, लेकिन महिला का पता नहीं लग पा रहा था। जिस घर में किराए पर रहती थी। वहां भी उसने कोई सबूत नहीं छोड़ा था। पुलिस लगातार किशोरी की तलाश में जुटी थी। मगर उसका कहीं सुराग नहीं लग पा रहा था। किशोरी ने मौसी को फोन करके अपनी जानकारी दी थी। इसके बाद पुलिस रोहता पहुंची थी। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने तत्परता दिखाई होती तो बेटी को इतने दिनों तक यातनाएं ना झेलनी पड़ती।
थाना शाहगंज के नरीपुरा क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने पुलिस को बताया कि उसकी घर के पास एक महिला किराए पर रहने के लिए आई थी। उसका घर में आना जाना हो गया। एक दिन वह बेटी को सिलाई मशीन दिलवाने के लिए घर से ले गई। मगर कुछ देर बाद उसे वापस ले आई। इसके बाद 13 अगस्त को फिर से घर आई। उस समय माता पिता में कोई भी घर नहीं था।
किशोरी ने पुलिस को बताया कि उसने काफी मना किया, लेकिन महिला ने उसे बातों में उलझा लिया और उसे एक घंटे में लौटने की बात कहकर साथ ले गई। किशोरी ने बताया कि महिला उसे रोहता क्षेत्र में अपने मायके ले गई थी। जहां उसे एक कमरे में बंधक बनाकर रखा गया। उसके साथ महिला के तहेरे भाई संदीप और मनमोहन नाम के दो व्यक्ति रोजाना बारी-बारी से रेप करते थे।
पीड़ित लड़की का आरोप है कि कमरे का दरवाजा केवल खाना देने के वक्त ही खुलता। जो भी खाना देने आता वो रेप करता। फिर ताला बंद करके चला जाता। पुलिस को दी शिकायत में लड़की ने बताया कि यह सिलसिला एक महीने तक चला।
13 सितंबर को पहुंची पुलिस
किशोरी ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी मौसी को फोन करके अपनी सूचना दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और किशोरी को मुक्त कराया। आरोपी उसे कमरे में बंद करके फरार हो गए थे। एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि किशोरी का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम लगी है। जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।
भटकते रहे परिजन
पीड़ित परिवारजन बेटी की तलाश में एक महीने तक भटकते रहे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था, लेकिन महिला का पता नहीं लग पा रहा था। जिस घर में किराए पर रहती थी। वहां भी उसने कोई सबूत नहीं छोड़ा था। पुलिस लगातार किशोरी की तलाश में जुटी थी। मगर उसका कहीं सुराग नहीं लग पा रहा था। किशोरी ने मौसी को फोन करके अपनी जानकारी दी थी। इसके बाद पुलिस रोहता पहुंची थी। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने तत्परता दिखाई होती तो बेटी को इतने दिनों तक यातनाएं ना झेलनी पड़ती।
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