मुंबई: मुंबई में पुलिस ने भले ही 17 बच्चों को किडनैपर के चंगुल से सकुशल छुड़वा लिया लेकिन परिवार अभी भी उस मंजर को याद करके सिहर जा रहे हैं। मुंबई बंधक कांड के 24 घंटे बाद एक बुजुर्ग दादी ने उस खौफनाक मंजर को बयां किया है। शुक्रवार को राज्य के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने भी बुजुर्ग दादी से वीडियो कॉल पर बात की। अस्पताल में भर्ती दादी की मानें तो आरोपी शूटिंग का बोलकर बच्चों को कमरे में ले गया था। बच्चों को बंधक बनाने वाले राेहित आर्या ने सभी को बाहर गेट पर रोक दिया था। उसने गेट में ताले लगा दिए थे, ताकि कोई अंदर-बाहर नहीं कर सके। इसके बाद वह कुछ बच्चों को स्टूडियों की पहली मंजिल पर ले गया था। दादी ने बताया कि उसने अमीर घरों के बच्चों को अलग रखा था।   
   
   
दादी को सौंपी थी बच्चों की जिम्मेदारी
कोल्हपुर की रहने वाली मंगल पाटनकर अपनी पोती को ऑडिशन दिलाने के लिए आई थी। वह स्कूल के कहने पर विश्वास करके मुंबई पहुंची थीं। हॉस्टेज कांड की चश्मदीद दादी ने बताया कि आरोपी राेहित आर्या ने अमीर और गरीब परिवार के बच्चों को अलग किया था। दादी का कहना है इस पूरी साजिश में उसके साथ कुछ अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। रोहित आर्या बच्चों को दौड़ा भागी, किडनैपिंग और बम विस्फोट जैसे सीन की शूटिंग के लिए बुलाता था। शूटिंग के नाम पर उसने सीसीटीवी कैमरे हटवाकर लाइटें लगवा दी थी। गेट पर बड़े ताले लगाए थे, ताकि अंदर और बाहर नहीं आ जा सके। बुजुर्ग महिला की मानें तो आरोपी ने दो बच्चों को अपने साथ रखा था, बाकी बच्चों को अलग रखा था। रोहित के एक गन थी, जो वह बच्चों को दिखा रहा था।
     
   
हंस रही थी प्रियंका नाम की महिला
बुजुर्ग महिला ने बताया कि उनसे कहा था कि दादी, आप बच्चों पर ध्यान दो। उनको कहीं जाने मत देना। इसलिए उसने उनको वहां बिठाया था। दादी का कहना है कि आरोपी रोहित ने चार दिन में पता लगा लिया था कि कौन बच्चे अमीर हैं और कौन गरीब? इसके बाद उसने बच्चों को अलग किया था। उसने छोटे और अमीर बच्चों को ऊपर (दूसरे माले पर) ले जाकर बंधक बनाया था। दादी ने कहा कि एक काली दाढ़ी वाले मोटे आदमी के अलावा प्रियंका नाम की एक महिला भी थी। बंधक संकट के दौरान कमरे में प्रियंका फोन करती और हंसती थी, जबकि बाहर अभिभावक रो रहे थे। दादी ने अपनी आपबीती में नांदेड़ के देशमुख नाम के एक व्यक्ति का भी जिक्र किया है।
     
   
पुलिस ने कर दिया था एनकाउंटर
मुंबई में 17 बच्चों समेत 19 लोगों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्या को कमांडो और पुलिस टीम ने गोली मार दी थी। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मुंबई के पवई में गुरुवार दोपहर हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। पवई पुलिस को दोपहर 1.45 बजे सूचना मिली थी। एक शख्स बच्चों को फुसलाकर स्टूडियो में लाकर बंधक बना लिया गया है। यह भी सामने आया था कि आरोपी ने स्टूडियो की खिड़कियों पर सेंसर लगा दिए, ताकि रेस्क्यू के लिए आने वालों का पता चल जाए। कोल्हापुर की रहने वाली दादी का कहना है पुलिस ने जो एक्शन लिया। वह एकदम ठीक है। राेहित आर्या की पूरी टीम को पकड़ा जाना चाहिए।
दादी को सौंपी थी बच्चों की जिम्मेदारी
कोल्हपुर की रहने वाली मंगल पाटनकर अपनी पोती को ऑडिशन दिलाने के लिए आई थी। वह स्कूल के कहने पर विश्वास करके मुंबई पहुंची थीं। हॉस्टेज कांड की चश्मदीद दादी ने बताया कि आरोपी राेहित आर्या ने अमीर और गरीब परिवार के बच्चों को अलग किया था। दादी का कहना है इस पूरी साजिश में उसके साथ कुछ अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। रोहित आर्या बच्चों को दौड़ा भागी, किडनैपिंग और बम विस्फोट जैसे सीन की शूटिंग के लिए बुलाता था। शूटिंग के नाम पर उसने सीसीटीवी कैमरे हटवाकर लाइटें लगवा दी थी। गेट पर बड़े ताले लगाए थे, ताकि अंदर और बाहर नहीं आ जा सके। बुजुर्ग महिला की मानें तो आरोपी ने दो बच्चों को अपने साथ रखा था, बाकी बच्चों को अलग रखा था। रोहित के एक गन थी, जो वह बच्चों को दिखा रहा था।
हंस रही थी प्रियंका नाम की महिला
बुजुर्ग महिला ने बताया कि उनसे कहा था कि दादी, आप बच्चों पर ध्यान दो। उनको कहीं जाने मत देना। इसलिए उसने उनको वहां बिठाया था। दादी का कहना है कि आरोपी रोहित ने चार दिन में पता लगा लिया था कि कौन बच्चे अमीर हैं और कौन गरीब? इसके बाद उसने बच्चों को अलग किया था। उसने छोटे और अमीर बच्चों को ऊपर (दूसरे माले पर) ले जाकर बंधक बनाया था। दादी ने कहा कि एक काली दाढ़ी वाले मोटे आदमी के अलावा प्रियंका नाम की एक महिला भी थी। बंधक संकट के दौरान कमरे में प्रियंका फोन करती और हंसती थी, जबकि बाहर अभिभावक रो रहे थे। दादी ने अपनी आपबीती में नांदेड़ के देशमुख नाम के एक व्यक्ति का भी जिक्र किया है।
पुलिस ने कर दिया था एनकाउंटर
मुंबई में 17 बच्चों समेत 19 लोगों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्या को कमांडो और पुलिस टीम ने गोली मार दी थी। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मुंबई के पवई में गुरुवार दोपहर हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। पवई पुलिस को दोपहर 1.45 बजे सूचना मिली थी। एक शख्स बच्चों को फुसलाकर स्टूडियो में लाकर बंधक बना लिया गया है। यह भी सामने आया था कि आरोपी ने स्टूडियो की खिड़कियों पर सेंसर लगा दिए, ताकि रेस्क्यू के लिए आने वालों का पता चल जाए। कोल्हापुर की रहने वाली दादी का कहना है पुलिस ने जो एक्शन लिया। वह एकदम ठीक है। राेहित आर्या की पूरी टीम को पकड़ा जाना चाहिए।
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